रूस-यूक्रेन युद्ध व बढ़ती वैश्विक महंगाई के चलते भारत में भी महंगाई बढ़ने लगी है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच अब दवाइयों के दामों में बढ़ोतरी की भी खबरें आ रही हैं। अप्रैल से पेन किलर, एंटीबायोटिक्स, एंटी-वायरस समेत जरूरी दवाओं के दाम बढ़ने वाले हैं । सरकार ने अनुसूचित दवाओं के लिए 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि को मंजूरी दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ड्रग प्राइसिंग अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को अनुसूचित दवाओं की कीमतों में 10.7 फीसदी की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी। आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (NLIM) के तहत अप्रैल माह से 800 से अधिक दवाओं के दाम बढ़ेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 23 मार्च को भारत में दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करने वाली सरकारी नियामक एजेंसी नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने कंपनियों से थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के आधार पर कीमतें बढ़ाने के लिए जरूरी दस्तावेज जमा करने को कहा था। तब कहा गया था कि एक अप्रैल से सभी जरूरी दवाओं के दाम करीब 2 फीसदी तक बढ़ सकते हैं।
आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची में 875 से अधिक दवाएं शामिल हैं, जिनमें मधुमेह, कैंसर की दवाओं, हेपेटाइटिस, उच्च रक्तचाप, गुर्दे की बीमारी आदि के उपचार के लिए उपयोग किए जाने वाले एंटीरेट्रोवायरल शामिल हैं। जो कंपनियां आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची का हिस्सा नहीं हैं, उन्हें अनुमति है कि वे उनकी कीमतों में सालाना 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी करें। वर्तमान में, दवा बाजार का 30 प्रतिशत से अधिक प्रत्यक्ष मूल्य नियंत्रण के अधीन है।
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