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जानिए कौन है ये ‘MBA चायवाला’, चाय बेचकर बन गया करोड़पति, जानिए पूरी कहानी…

मध्यप्रदेश के धार के छोटे से गांव लबरावदा का एक आम लड़का, जो कभी अहमदाबाद में मैकडॉनल्ड्स में वेटर का काम किया करता था, आज इनका नाम देश के नामी एंटरप्रेन्योर में शामिल है। प्रफुल्ल बिल्लोरे नाम के इस लड़के ने 20 साल की उम्र में ही अहमदाबाद में फुटपाथ पर चाय की टपरी लगाई। चाय के ठेले से शुरू हुआ उनका यह सफर 5 साल बाद एक ब्रांड बन गया – ‘MBA चायवाला’। आज कानपुर, चंडीगढ़, सूरत, गांधीनगर, भोपाल जैसे देश के 22 बड़े शहरों में ‘MBA चायवाला’ की ब्रांच हैं। इंदौर में दो आउलेट्स की तैयारी के साथ लंदन में भी इनका बिजनेस है।
प्रफुल्ल, गांव से निकल कर आगे की पढ़ाई करने अहमदाबाद गए। उन्होंने जीमेट और केट की तैयारी कर IIMA (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद) में पढ़ाई कर किसी कंपनी में अच्छे पैकेज की नौकरी का सपना देखा था। उनके मन में कुछ अच्छा करने की चाह थी, लेकिन यह नहीं हो पाया। उनकी जिंदगी की कहानी भी किसी मूवी से कम नहीं है। उनके द्वारा टपरी डालने पर दूसरे चायवालों ने उनकी पिटाई तक कर दी। प्रफुल्ल के B.Com पास होने के बावजूद ठेला लगाने पर दोस्तों-रिश्तेदारों ने उनका बहुत मजाक बनाया, किंतु आगे बढ़ने की उनकी जिद ने उन्हें वो बुलंदी दे दी, जहां हर कोई पहुँचना चाहता है। तो आइए, आज प्रफुल्ल बिल्लोरे से ही जानते हैं उनकी कहानी…
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कैसे की बिजनेस की शुरुआत ?
इस सवाल पर प्रफुल्ल ने कहा, मैंने 8 हजार रुपए से इस सफर की शुरुआत की। पापा से झूठ बोला और इंटरनेशनल कोर्स के नाम पर पैसे लिए। उन पैसों से चाय का ठेला डाल लिया। जब पहली बार रोड पर ठेला डाला तो ऐसा लगा कि बहुत छोटी चीज कर रहा हूं। मैं बहुत अच्छे, शिक्षित परिवार से ताल्लुक रखता हूं। यह कहीं न कहीं बड़ा बेकार लगता था। लेकिन आज उसी ठेले के कारण इज्जत, प्यार मिल रहा है। ‘MBA चायवाला’ ऐसा ब्रांड है, जो कभी मरने वाला नहीं है। चाहे मैं रहूं या न रहूं, ‘MBA चायवाला’ हमेशा रहेगा। युवाओं को आज मैं हक से कहता हूं कि अपने पैरेंट्स से रुपए नहीं मांगोगे, तो क्या पड़ोसी से मांगोगे। हां, रुपयों का सही जगह इस्तेमाल करो।
IIMA की तैयारी करते हुए खोल ली चाय की टपरी, दोस्तों ने उडाया मजाक
आगे प्रफुल्ल ने कहा- बस कुछ अलग करने की चाह थी। दोस्तों ने मजाक उड़ाया, बिल्कुल वैसे ही जैसा हिंदुस्तान में होता है कि रोड साइड काम करोगे तो कोई इज्जत नहीं देगा। हिंदुस्तान में मैंने एक चीज चेंज की है। मुझे गर्व है कि कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता। इस चीज के लिए मैं अब मशहूर होता जा रहा हूं। एक समय में मेरा बहुत मजाक उड़ाया गया था, लेकिन आने वाले समय में चाय वाले, पानी पूरी वाले, सब्जीवालों की हंसी नहीं उड़ाई जाएगी। आप जो भी काम करते हैं, ठोक बजाकर करें, क्योंकि आपके घर की EMI, राशन पड़ोसी लाकर नहीं देगा।
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MBA चायवाला’ की पीछे की क्या है कहानी? 
MBA चायवाला के पीछे की कहानी के बारे में पूछने पर प्रफुल्ल ने बताया, सबसे पहले ठेले का नाम मिस्टर बिल्लोरे रखा था। लोग बिल्लो रानी, बिल्ली कहकर ताने दिया करते थे। इस पर बहुत सोचा और नाम ‘MBA चायवाला’ रख दिया। मिस्टर का M, बिल्लोरे का B और अहमदाबाद का A, और ऐसे बना MBA चायवाला। अहमदाबाद में कुछ वक्त बाद उनके चाय के स्वाद ने कई चायवालों के धंधे ही चौपट कर दिए। इस कारण से कुछ लोग उन्हें पीटने भी आए। उन्हें थाने तक में बंद करवा दिया। यहां तक कि परिवार ने भी ठेला बंद करने के लिए कह दिया। पिता एक किसान हैं। भागवत भी करते हैं। मम्मी हाउस वाइफ हैं। छोटा भाई पढ़ाई कर रहा है। सीधी-सादी फैमिली है। लेकिन मेरी जिद ने मुझे आगे बढ़ने में हिम्मत दी।
मैकडॉनल्ड में वेटर से नामी टी फ्रेंचाइजी तक का सफर
प्रफुल्ल आगे कहते हैं, मैकडॉनल्ड में 5 महीने तक नौकरी की। इसके पश्चात अपना कुछ करने का फैसला किया। सफर बहुत अच्छा रहा। लोगों का भी काफी प्यार मिल रहा है। हिन्दुस्तान की जनता बहुत प्यार दे रही है। जैसा कृष्ण जी कहते हैं कि ‘कर्म कर फल की चिंता मत कर’। बस इसी सिद्धांत को लेकर आगे बढ़ रहा हूं। चीजें काफी अच्छी चल रहीं हैं। लोग हंसते थे, मजाक उड़ाते थे, आज प्यार मिल रहा है, बस यही उपलब्धि है।
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चाय-कॉफी की कई बड़ी फ्रेंचाइचीज, कॉम्पिटिशन के तौर पर नहीं देख सकते
प्रफुल्ल ने कहा, यह कोई प्रतियोगिता नहीं है। कोई कॉम्पिटिशन नहीं है। कोई भी बंदा है, वो चाय का बिजनेस करे या कॉफी का, मैं स्वयं उससे सीखता हूं। मैं अपने ब्रांड से सीखता हूं, उसे सही करने का प्रयास करता हूं। इंडिया में जो मार्केट है, बस उसके अनुसार काम करना है। बाकी मेरा किसी से भी कोई कॉम्पिटिशन नहीं है। मेरी डिक्शनरी में ये शब्द हैं ही नहीं।
इंटरनेशनल लेवल पर भी शुरुआत किए जाने को लेकर किए गए सवाल पर प्रफुल्ल ने कहा, हां। पहले यूरोप से चालू करने वाले हैं। लंदन, बरमिंघम , फिर सिंगापुर जाएंगे। इस्तानबुल, दुबई, बाहरीन, अमेरिका, कनाडा, जापान से भी इनक्वायरी आ रही है।

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