कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में भू-विस्थापित लोग रविवार को अपनी मांगों को लेकर करीब 500 लोग खदान के अंदर घुस गए। SECL(साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) के खिलाफ भू-विस्थापितों का गुस्सा फूट गया है।
दरअसल, इनकी मांग है कि इन्हें मुआवजा दिया जाए। इसके साथ ही परिवार के जिन लोगों को नौकरी देने का वादा किया गया था, उन्हें भी नौकरी दिया जाए। अब इस वजह से भू-विस्थापित पिछले एक महीने से धरना दे रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, SECL(साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) ने कई साल पहले कुसमुंडा में खदान बनाने के लिए वहां निवास कर रहे कई ग्रामीणों की जमीन का अधिग्रहण किया था। उन्होंने उनसे कहा था कि उन्हें दूसरी जगह विस्थापित किया जाएगा जहां उन्हें पूरी सुविधाएं दी जाएगी। साथ ही साथ उन्होंने यह भी वादा किया कि मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी।
कई विस्थापितों ने यह आरोप लगाया है कि उनके परिवार के लोगों को आज तक ना तो नौकरी नहीं मिली है ना ही मुआवजा दिया गया है। इस वजह से वे पिछले एक महीने से कुसमुंडा के जीएम ऑफिस के पास प्रदर्शन कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हमारी मांगों को सुना जाए। मगर अब तक बात नहीं बनी। इस वजह से रविवार को लगभग 500 लोगों ने जीएम ऑफिस के सामने रैली निकाली। ऑफिस के बाहर भी लोगों ने नारेबाजी की। इसके बाद वे रैली निकालते हुए आगे बढ़े और जाकर कुसमुंडा खदान में घुस गए। वहां पर भी उन्होंने जमकर नारेबाजी की।
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