अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन पांच अगस्त को किया जाएगा। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री Narendra Modi भी शामिल होंगे। इस कार्यक्रम को सरकारी चैनल दूरदर्शन पर दिखाने की तैयारी है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने डीडी पर राम मंदिर के भूमि पूजन के निर्धारित प्रसारण का कड़ा विरोध दर्ज कराया है। इसे लेकर लेफ्ट पार्टी ने केंद्र सरकार को एक पत्र भी लिखा है। लेफ्ट ने सरकार को पत्र लिखकर इस भूमि पूजन कार्यक्रम को प्रसारित नहीं करने की मांग की गई है। लेफ्ट का कहना है कि यह राष्ट्रीय अखंडता के स्वीकृत मानदंडों के खिलाफ है। पार्टी का कहना है कि यह राम मंदिर लंबे समय से संघर्ष और विवाद का कारण रहा है, इसलिए इसके भूमि पूजन समारोह का इस तरह से प्रसारण नहीं करना चाहिए।
CPI ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा, ‘1992 में बाबरी मस्जिद का विध्वंस और बाद में अयोध्या में राम मंदिर के लिए लामबंदी पिछले कई दशकों से देश में संघर्ष और तनातनी का कारण रहा है। प्रसार भारती अधिनियम, जो धारा 12 (2) (ए) में दूरदर्शन के कामकाज को नियंत्रित करता है, स्पष्ट रूप से कहता है कि इसका उद्देश्य ‘देश की एकता और अखंडता और संविधान में निहित मूल्यों को बनाए रखना’ है।’
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया ने पत्र में माध्यम से सरकार से देश की धर्मनिरपेक्ष छवि से समझौता नहीं करने को कहा है। सीपीआई ने लिखा “‘धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक सद्भाव के सिद्धांतों पर देश के लिए राष्ट्रीय प्रसारक के रूप में स्थापित दूरदर्शन का उपयोग 5 अगस्त को अयोध्या में धार्मिक समारोह को प्रसारित करने के लिए राष्ट्रीय अखंडता के स्वीकृत मानदंडों के विपरीत है।” पत्र में सीपीआई के विनय विश्वम ने लिखा, “धार्मिक कार्य होने वाली भूमि पर विवाद की ऐतिहासिकता को देखते हुए, सरकार के लिए इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के प्रयासों का विरोध करना और यह सुनिश्चित करना परिपक्व निर्णय होगा कि राज्य की धर्मनिरपेक्ष छवि से समझौता न किया जाए।”
राम मंदिर का भूमि पूजन पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे। 5 अगस्त को पीएम मोदी हेलीकॉप्टर से अयोध्या के साकेत महाविद्यालय पहुंचेंगे। वहां से उन्हें रामजन्म भूमि ली जाया जाएगा। पीएम मोदी करीब 11:30 बजे अयोध्या के राम मंदिर परिसर पहुंचेंगे। जिसके बाद एक घंटे का भूमि पूजन कार्यक्रम होगा। भूमि पूजन कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री का संबोधन होगा। ट्रस्ट के मुताबिक पहले भूमि पूजा में शामिल होने के लिए 268 लोगों की सूची तैयार की गई थी लेकिन करीब 200 लोगों के नाम पर आखिरी सहमति बनी है।