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Indian cinema: फिल्म के प्रमाणित सर्टिफिकेट को ना करें नजरअंदाज, इसमें होती हैं दर्शकों के लिए अनेक जानकारियां

Indian Cinema: जब भी आप कोई मूवी देखतें हैं, तो करीब दस सेकंड के लिए आपको स्क्रीन पर एक सर्टिफिकेट नजर आता है।हम में से अधिकांश लोग इस सर्टिफिकेट को नजरअंदाज कर देते हैं, लोग उस समय इधर-उधर देखने में लग जाते हाँ या भी गप्पें लड़ाने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक फिल्म को बनाने के बाद टीम इस सर्टिफिकेट के लिए काफी हाथ-पैर मारना पड़ता है, अगर ये सर्टिफिकेट ना मिले, तो मूवी रीलिज ही नहीं हो पाएगी।  Movie Certificate Meaning

जी हां, इस सर्टिफिकेट को मूवी की शुरुआत में करीब दस सेकंड तक दिखाना काफी जरुरी है।ये एक इम्पोर्टेन्ट सर्टिफिकेट है, इसमें कई तरह की जानकारी लिखी होती है। लेकिन आम जनता इस सर्टिफिकेट को नजरअंदाज कर देती है। ज्यादा से ज्यादा लोग इस सर्टिफिकेट में फिल्म की टाइमिंग या कितने रील हैं, यही देखते हैं।लेकिन इनके अलावा भी इस सर्टिफिकेट में काफी जरुरी चीजें मेंशन की जाती है।आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस सर्टिफिकेट में कौन-कौन सी चीजें मेंशन की जाती हैं-

1.अगर किसी फिल्म के सर्टिफिकेट में ‘अ’ लिखा है तो इसका मतलब है कि ये फिल्म कोई भी देख सकता है।

2.अगर किसी फिल्म के सर्टिफिकेट पर सिर्फ ‘व’ लिखा है तो इसका मतलब है कि ये फिल्म अट्ठारह साल से कम उम्र के लोगों के लिए नहीं बनाई गई है।

3.अगर किसी फिल्म के सर्टिफिकेट पर ‘एस’ लिखा है तो इसका मतलब है कि ये फिल्म ख़ास ऑडियंस के लिए बनाई गई है,इसे डॉक्टर्स या साइंटिस्ट के लिए बनाया गया है।

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4.अगर किसी फिल्म के सर्टिफिकेट पर ‘अव’ लिखा है तो इसका मतलब है कि इस फिल्म को बारह साल से कम उम्र के बच्चे अपने पेरेंट्स के साथ देख सकते हैं।

5.इसके अलावा फिल्म के सर्टिफिकेट में फिल्म के रील की जानकारी होती है,फिल्म कितने अवधी की है, ये भी मेंशन होता है।

6.अगर सेंसर बोर्ड को लगता है कि फिल्म में किसी सीन को काटना है, तो ये भी सर्टिफिकेट पर मेंशन कर दिया जाता है।

यह सर्टिफिकेट दर्शकों को जानकारी देने के साथ-साथ फिल्म को देखने लायक प्रमाणित भी करता है जोकि किसी भी फिल्म के रिलीज होने से पहले जरूरी है।

 

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