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NIA कर रही छत्तीसगढ़ के नक्सलियों की तलाश, आंध्र-तेलंगाना के 14 ठिकानों पर की एक साथ छापेमारी

छत्तीसगढ़ के नक्सलियों की तलाश में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के 14 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है। मामला जुलाई 2019 का है, जब बस्तर के नगरनार के पास एक मुठभेड़ हुआ था। अब NIA मामले में आरोपियों की तलाश में उनके संपर्क और नक्सलियों के शहरी नेटवर्क से जुड़े लोगों के घर तक पहुंच चुकी हैं।
कहा जा रहा है कि NIA ने सबसे पहले प्रकाशम जिले में कवि और विप्लव रचयितला संघम के नेता कल्याण राव के घर पर दबिश दी। कल्याण राव के पास से NIA ने नक्सली साहित्य भी जब्त कर लिया है। कल्याण राव, प्रतिबंधित भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी के सदस्य अक्कीराजू हरगोपाल उर्फ रामकृष्ण का बहुत खास है। इसी साल अक्कीराजू की 14 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के जंगल में किडनी संबंधी बीमारी के कारण जान चली गई। रामकृष्ण और कल्याण राव की साली की शादी हुई थी।
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जानकारी के अनुसार, दोनों आंध्र प्रदेश सरकार के साथ साल 2004 में हुई नक्सलियों की वार्ता में शामिल हुए थे। NIA ने वकील और महिला संघ की नेता अन्नपूर्णा के घर पर भी रेड डाली है। यहां से नक्सली साहित्य, प्रतिबंधित दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किये गये हैं। NIA ने बताया कि यह छापेमारी हैदराबाद, रचकोण्डा, मेडक, प्रकाशम, विशाखापट्‌टनम, विजयवाड़ा और नेल्लौर में की गई है। बता दें कि NIA मार्च 2021 से इस मामले की जांच-पड़ताल कर रही है।
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जुलाई 2019 में हुई थी मुठभेड़
NIA ने केस के बारे में जो विवरण दिया है उसके अनुसार, यह 28 जुलाई 2019 को बस्तर के नगरनार थाना क्षेत्र में हुई एक मुठभेड़ से जुड़ा है। इसमें छत्तीसगढ़ की DRG, STF और CRPF की संयुक्त टीम के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में छह नक्सली और एक नागरिक की मौत हो गई।
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सबसे पहले नगरनार थाने में हुई FIR
घटना के तुरंत बाद नगरनार थाने में इस मामले की पहली FIR दर्ज हुई थी। वहीं, मार्च 2021 में NIA द्वारा रायपुर में दोबारा इस मामले को दर्ज किया। फिर जांच-पड़ताल शुरू हुई। बता दें कि इस मामले में यह पहली बड़ी दबिश है।

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