खेल के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए हाॅकी के दिग्गज मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 29 अगस्त को ‘राष्ट्रीय खेल दिवस 2021’ के रूप में मनाया जाता है। साथ ही खेलों के प्रति खिलाड़ियों का सम्मान, छिपी प्रतिभा को ढूंढना, एथलीटों की सफलता के लिए परिवारों, कोचों और सहयोगी स्टाफ के उत्कृष्ट समर्थन की सराहना करने के लिए हर साल राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है।
अगर आपसे कोई पूछे कि भारत का राष्ट्रीय खेल कौन सा है? तो आप बिना देरी किए जवाब देंगे हॉकी। टोक्यो ओलंपिक में महिला और पुरुष हॉकी टीम की जबरदस्त प्रदर्शन के बाद देश के लोगों में अलग तरह का उत्साह है। लोग सोशल मीडिया में भारत के राष्ट्रीय खेल से जुड़े पोस्ट कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट खूब वायरल हो रहे हैं जिसमें कहा जा रहा है कि भारत ने टोक्यो ओलंपिक में अपने राष्ट्रीय खेल में शानदार प्रदर्शन किया।
तो चलिए बात करते हैं क्या वाकई भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है? इसका जवाब है नहीं, दरअसल, भारत के राष्ट्रीय खेल को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं, लेकिन सरकार भी बता चुकी है कि भारत का कोई राष्ट्रीय खेल है ही नहीं। हर देश का अपना एक प्रतीक, अपना एक झंडा वैसे ही हर देश का अपना एक राष्ट्रीय खेल होता है। जैसे अमेरिका का राष्ट्रीय खेल बेसबॉल है, ब्रिटेन का राष्ट्रीय खेल क्रिकेट है ब्राजील और फ्रांस का राष्ट्रीय खेल फुटबॉल है। ठीक उसी प्रकार भारत का भी राष्ट्रीय झंडा तिरंगा है, राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ है, राष्ट्रगान जन-गण- मन है।
लेकिन भारत का कोई राष्ट्रीय खेल नहीं है। ऐसा दावा हम नहीं करते बल्कि यह खुद सरकार ने बताया है इसी साल मार्च में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के एक लॉ स्टूडेंट ने RTI (Right to information) के माध्यम से खेल मंत्रालय से जवाब मांगा था कि ‘भारत सरकार ने किस खेल को राष्ट्रीय खेल के रूप में मान्यता दी है? इस सवाल के जवाब में खेल मंत्रालय ने बताया कि भारत ने किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल के रूप में मान्यता नहीं दी है।
लॉ स्टूडेंट शिवम कुमार गुप्ता के RTI का जवाब देते हुए खेल मंत्रालय ने एक लेटर जारी कर बताया कि भारत सरकार ने किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल के रूप में घोषित नहीं किया है। क्योंकि सरकार का उद्देश्य सभी लोकप्रिय खेलों को प्रोत्साहित करना है। बता दें कि हॉकी भारत में एक लोकप्रिय खेलों में शामिल है। भारत ने वर्ष 1928 से 1956 तक ओलंपिक में लगातार 6 बार स्वर्ण पदक जीते हैं। हॉकी के जादूगर के रूप में मेजर ध्यान चंद का सिक्का तो पूरी दुनिया में चला है।