मेडिकल

सरकार ने समझाया, कोरोना का खतरा बच्चों को डेंगू से भी कम, मम्मी-पापा स्कूल भेजने से ना डरें…

छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों ने स्कूलों के खोले जाने को लेकर आदेश जारी कर दिया गया हैं। साथ ही कई राज्यों में अभी भी स्कूल खोलने का फैसला नहीं हो सका है। केंद्र सरकार ने इस मामले को लेकर सभी राज्यों को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में राज्यों से जल्द स्कूल खोलने और फिजिकल क्लासेस चलाने के लिए कहा गया है। साथ ही इस संबंध में विभिन्न दिशानिर्देश भी दिया गया हैं। केंद्र ने यह स्पष्ट कहा है कि कोरोना से ज्यादा तो बच्चों के डेंगू की चपेट में आने का खतरा रहता है। वहीं सड़क हादसों में भी लोग बड़ी संख्या में जान गंवाते हैं। लेकिन कभी सड़क हादसों या डेंगू के खतरे से स्कूल तो बंद नहीं किए जाते?
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स्कूल खोलने पर जोर
पत्र में कहा गया है कि विभिन्न राज्य सरकारें अभी भी सभी क्लासेस के लिए स्कूल नहीं खोल रही हैं। स्कूलों को कई तरह की चिंताएं हैं। इसमें सबसे बड़ी चिंता है कि बच्चों को वैक्सीन नहीं लगी है। वहीं इस बात का भी डर है कि स्कूल कोरोना सुपर स्प्रेडर हो सकते हैं। थर्ड वेव और जहां स्कूल हैं, वहां पर कोरोना केसेज में तेजी आने का डर भी स्कूल खोलने से रोक रहा है। केंद्र ने लिखा है कि इस बात के वैश्विक सुबूत हैं कि स्कूलों को खोला जाना चाहिए। राज्य सरकारों को इस बारे में तत्काल विचार करना चाहिए और फिजिकल क्लासेस की शुरुआत करनी चाहिए।
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बच्चों के लिए वैक्सीन का इंतजार कब तक?
केंद्र की तरफ से जारी इस लेटर में साफ कहा गया है कि स्कूल खोले जाने के लिए बच्चों के वैक्सीनेशन का इंतजार नहीं कर सकते। इसके मुताबिक वैक्सीनेशन का उद्देश्य लोगों को संक्रमण की अधिकता और मौत से बचाना है। वैसे भी बच्चों के कोरोना की चपेट में आने का खतरा बेहद कम है। लेटर में अमेरिका की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया गया है कि 25 साल से कम आयुवर्ग के लोगों में कोरोना से मौत का खतरा अन्य लोगों की तुलना में काफी कम है। केंद्र द्वारा जारी पत्र के मुताबिक बच्चों के डेंगू की चपेट में आने का खतरा ज्यादा रहता है।
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लेकिन कभी डेंगू के खतरे के चलते स्कूल तो बंद नहीं किए जाते हैं। केंद्र की इस चिठ्ठी में यह भी कहा गया है कि वैसे भी बड़ों की तुलना में बच्चों के लिए वैक्सीनेशन का फायदा बहुत कम है। इसमें ब्रिटेन का उदाहरण दिया गया है, जहां बच्चों को वैक्सीन न दिए जाने का फैसला लिया गया है। ब्रिटेन में केवल उन्हीं बच्चों को वैक्सीन दी जाएगी जिनकी प्रतिरोधक क्षमता बिल्कुल ही कम है। लेटर के मुताबिक दुनिया में कहीं भी 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन नहीं लग रही है, लेकिन स्कूल खोले जा रहे हैं।

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