छत्तीसगढ़

माओवादियों ने किया सरेंडर नक्सली का अपहरण, तीन महीने पहले ही पुलिस के सामने डाले थे हथियार

बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में आए दिन नक्सली तांडव मचाते रहते हैं। ऐसे में जिले में माओवादी विरोधी अभियान चलाए जा रहे हैं। यहां तक कि पूना नर्कोम अभियान की भी शुरुआत की गई ताकि नक्सली सरेंडर कर दें। इस अभियान से प्रभावित होकर कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। किंतु अब इसके बाद एक और बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है। माओवादियों ने एक सरेंडर नक्सली का अपहरण कर लिया है।
बताया जा रहा है कि सरेंडर नक्सली चन्नूराम माड़वी गंगालूर के बाजार गया हुआ था। माओवादियों ने मंगलवार दोपहर उसे वहीं से ही अगवा कर लिया। सरेंडर नक्सली का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। चन्नूराम तीन महीने पहले ही बीजापुर पुलिस के सामने हथियार डालकर मुख्य धारा में लौट आया था। मामला जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र का है।
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जानकारी के अनुसार, सरेंडर करने के बाद पिछले 2 सप्ताह से चन्नूराम माड़वी अपनी पत्नी पांडे माड़वी और 4 बच्चों के साथ शांतिनगर में रह रहा था। मंगलवार को वह किसी काम से गंगालूर के बाजार गया था। यहां माओवादी ग्रामीण वेशभूषा में पहुंचे। गंगालूर एरिया कमेटी के माओवादियों ने वहीं से ही उसका अपहरण कर लिया।
इसके बाद जब देर शाम तक चन्नूराम घर नहीं लौटा तो परिजनों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। अब सरेंडर माओवादी का पता लगाया जा रहा है। अब तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है।
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भैरमगढ़ इलाके में था सक्रिय
बता दें कि चन्नूराम माड़वी जब संगठन में था तो उस दौरान वह भैरमगढ़ एरिया कमेटी में जनमिलिशया सदस्य के रूप में सक्रिय रहकर काम कर रहा था। भैरमगढ़, मिरतूर, तिमनार, पुरवाड़ा, कोड़ेपाल एवं अन्य इलाको में वह तांडव मचाया करता था। संगठन में रहने के समय यह भरमार बंदूक भी रखता था। इसके बाद सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर इसने सरेंडर कर दिया था।

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