रायपुर। कोरोना की दूसरी लहर में सबसे बड़ी समस्या ऑक्सीजन की कमी रही है। इलाज के दौरान ऑक्सीजन की कमी के चलते हैं लाखों लोगों ने दम तोड़ा। यहां तक कि ऑक्सीजन की कमी का मामला अदालत तक पहुंचा, ऐसे में राजधानी रायपुर से लगे तिल्दा के बरतोरी में 5 हजार पेड़ों को काट दिया गया है। इस जंगल की कटाई डेढ़ माह के दौरान की गई है। हैरानी की बात यह है कि जंगलों की निगरानी करने वाले वन विभाग को इसकी जानकारी तक नहीं है।
तिल्दा और खरोरा के बीच बरतोरी औद्योगिक क्षेत्र है। यहां से करीब 2 किमी दूर बसे जलसो गांव में औद्योगिक प्लांट लगने वाला है। इसके लिए करीब 125 एकड़ जमीन खरीदी गई है। इसी जमीन पर काटे गए सारे पेड़ हरे-भरे थे। इतने सारे पेड़ कटते रहे और वन विभाग को इसका पता तक नहीं चला।
वहीं मामले को लेकर डीएफओ रायपुर, विश्वेश झा का कहना है कि “पेड़ की कटाई के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। इसकी परमिशन कलेक्टर से मिलती है। अगर इसकी परमिशन कलेक्टर की ओर से दी भी जाती हैं, तो हमें सूचना देना जमीन मालिक का कार्य है। इसकी जांच कराई जाएगी कि पेड़ों को काटने की परमीशन मिली है या नहीं। इसके बाद उचित कार्रवाई होगी”।
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