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लापरवाही या चमत्कार : जब चिता पर लेटी महिला अचानक हुई जिंदा, डाक्टरों ने कर दिया था मृत घोषित

रायपुर| देश में कोरोना का कहर जारी हैं, लगातार संक्रमितों के आकड़ों में इजाफा हो रहा हैं वहीँ मृतक मरीजों का अकड़ा चौकाने वाला हैं | इस भावायाह स्थित में कई जगहों से लापरवाही के मामले सामने आ रहें हैं| ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल मेकाहारा का हैं, जहाँ एक बेहोश महिला को मृत बताया गया|

क्या हैं, मामला?

राजधानी स्थित डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल के डॉक्टरों ने एक 72 साल की बेहोश महिला को बिना जांच के ही मृत घोषित कर दिया। मामला तब सामने आया जब परिजन महिला को चिता पर लिटा रहे थे, तभी शरीर में हरकत हुई जिसे देख लोग हैरान हो गए।
महिला के शरीर में इस हरकत को देख तुरंत उसे एंबुलेंस से वापस डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल भेजा गया, लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई।

महिला खाना खाते वक्त हुई थी बेहोश

मिली जानकारी के अनुसार, 72 साल की महिला (नानी लक्ष्मी बाई अग्रवाल) बुधवार दोपहर को खाना खाते समय बेहोश जैसी हो गईं थीं। आनन-फानन में एम्बुलेंस से मेकाहारा अस्पताल लाया गया|  जहाँ डॉक्टरों द्वारा ऊपरी तौर पर देख कर मृत घोषित कर दिया।

श्मशान घाट में हुआ चौकाने वाला खुलासा

डॉक्टरों द्वारा घोषित मृत महिला का अंतिम संस्कार करने के लिए गोकुल नगर श्मशान ले जाया गया| वहां चिता पर लिटाते समय लोगों को शरीर में हरकत महसूस हुई। जब देखा गया तो पल्स चल रही थी। बाद में एम्बुलेंस बुलाकर महिला को अस्पताल भेजा गया।

अस्पताल ने एक बार फिर महिला को मृत घोषित किया

महिला के परिजन उन्हें लेकर फिर से अम्बेडकर अस्पताल पहुंचे। तब तक महिला की मौत हो चुकी थी। परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों ने दोपहर में ही उनको ठीक से देखा होता और इलाज शुरू किया होता तो वो बच सकती थीं।

अस्पताल प्रबंधन ने दी सफाई

डॉ. भीमराव आम्बेडकर प्रबंधन ने महिला की मौत पर कहा- महिला को शाम 4.30 बजे 108 एम्बुलेंस से लाया गया था। उनके साथ उनकी पोती निधि जैन थीं। केजुअल्टी विभाग में उनकी ECG की गई जो फ्लैट आया। इसके आधार पर उन्हें मृत घोषित किया गया। उसके बाद उनकी कोरोना जांच की गई जो निगेटिव था।
उसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। शाम 7 बजे के करीब परिजन उनका शव लेकर दोबारा अस्पताल पहुंचे। आम्बेडकर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनित जैन ने बताया परिजनों को संदेह था कि उनकी सांसें चल रही हैं। पुष्टि के लिये दोबारा जाच की गई। पता चला कि शव में राइगर मोर्टिस (मांस पेशियों की अकड़न) की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उसमें जीवन का कोई संकेत मौजूद नहीं है।

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