अफगानिस्तान पर अब पूरी तरह से तालिबान का कब्जा हो चुका है। तालिबान का कब्जा होने के बाद अभी भी अफगानिस्तान में लोगों द्वारा देश छोड़ने का सिलसिला जारी है। बड़ी संख्या में लोग अपने-अपने देश को वापस लौट रहे हैं। अमेरिका और नाटो के सैनिकों ने तो अफगानिस्तान को लगभग छोड़ ही दिया है, लेकिन अभी भी तालिबानी हुकूमत की वजह से वहां के लोगों को वहां से निकालने के लिए बड़ी संख्या में अमेरिकी सैनिक काबुल एयरपोर्ट पर जमे हुए हैं।
फिलहाल, अमेरिकी सैनिकों ने काबुल एयरपोर्ट को अपने कब्जे में ले लिया है। इस बीच अब तालिबान ने अमेरिका को खुली धमकी दे दी है। तालिबान के प्रवक्ता सोहेल शाहीन ने सोमवार को एक बयान दिया कि अगर अमेरिका अपने सैनिकों की वापसी में किसी भी प्रकार की देरी करता है, तो उसको इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। अमेरिकी सेना या तो 31 अगस्त तक यहां से वापस चली जाए वरना उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ जाएंगे।
बता दें कि 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबानी लड़ाकों का कब्जा हो गया है। कब्जे के बाद से ही अफगानिस्तान की हालत बिगड़ती ही जा रही है। बड़ी संख्या में लोग देश छोड़कर अन्यत्र कहीं जा रहे हैं। इसके अलावा काबुल एयरपोर्ट पर लोग अपने देश वापस लौटने के लिए पहुंच रहे हैं। अमेरिकी सैनिक काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की हिफाजत के लिए तैनात हैं। जानकारी के मुताबिक, अमेरिकी सैनिकों के अनुसार ही वहां से अलग-अलग देशों की विमानें उड़ान भर रही है। अभी तक 400 से अधिक भारतीय भी वहां से लौट कर भारत आ गए हैं। फिर भी बड़ी में संख्या में लोग वहां पर मौजूद है।
पंजशीर पर तालिबान का कब्जा नहीं
अभी तालिबानी लड़ाके और पंजशीर पर कब्जा को लेकर भी लडाई चल रही है। तालिबानी लड़ाके पंजशीर पर भी कब्जा करना चाहते हैं, लेकिन अभी तक इस पर कब्जा नहीं कर पाए हैं। पंजशीर अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से इकलौता ऐसा राज्य है, जहां तालिबान कब्जा नहीं कर पाया है। तालिबान के प्रवक्ता जबील्ला मुजाहिद ने कहा है कि उन्होंने पंजशीर प्रांत को भी घेरना शुरू कर दिया है। अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति रहे अमरुल्लाह सालेह ने ट्वीट कर बताया कि तालिबान लड़ाकों ने प्रांत के आसपास एकत्रित होकर उसे भी घेरना शुरू कर दिया हैं। फिलहाल हम पंजशीर के लिए एक शांतिपूर्ण समाधान खोजना चाहते हैं।
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