रायपुर। छत्तीसगढ़ में खरीफ फसलों की कटाई शुरू की जा चुकी है। मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में धान खरीदी की तारीख निर्धारित नहीं हो पाई। अब इसे दिवाली बाद प्रस्तावित बैठक में निर्धारित किया जाएगा।
इस दौरान उप समिति ने इस साल 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस बार भी खरीदी में बारदाने का संकट है। तो ऐसे में शुरू से ही किसानों और मिलरों से बारदाने लेकर खरीदी की जाएंगी।
मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में हुई। इसमें कृषि मंत्री रविंद्र चौबे और सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम भी शामिल हुए। अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल की तुलना में धान के रकबे में 48 हजार हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। ढाई लाख अधिक किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। अब इसके मान से 105 से 107 लाख मीट्रिक टन धान आने की आशंका है।
कहा जा रहा है कि केंद्रीय जूट आयुक्त को 5 लाख 50 हजार गठान बारदानों का ऑर्डर दिया गया है। लेकिन इसके संबंध में वहां से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। बैठक के बाद कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया, उम्मीद की जा रही है कि पिछले वर्षों की तरह जूट आयुक्त मांग की तुलना में 30 प्रतिशत बारदानों की ही आपूर्ति कर पाएंगे। ऐसे में बारदानों का संकट गहरा सकता है।
पिछले साल की बारदानों की संकट हुई थी तो इस वर्ष ऐसा न हो, इसके लिए यह तय हुआ है कि शुरू से ही किसानों के बारदानों में भी धान की खरीदी की जाएगी। सरकारी राशन की दुकानों और राइस मिलों से भी बारदाना लिया जा रहा है। प्लास्टिक के बारदाने खरीदने के लिए टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। बता दें कि सरकार ने पिछले साल 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की थी।
चावल में भी उलझन
धान खरीदी में केंद्र सरकार की शर्तों की उलझन अभी बाकी है। केंद्र सरकार ने इस साल केंद्रीय पूल में 61 लाख 65 हजार मीट्रिक टन चावल लेने की सहमति प्रदान कर दी है। लेकिन शर्त यह है कि पूरा चावल अरवा होना चाहिए। राज्य सरकार ने पिछले साल 16 लाख मीट्रिक टन उसना चावल केंद्रीय पूल में दिया था। राज्य सरकार के सामने अब संकट यह है कि उसना मिलों के उत्पादन का क्या करेगी। दूसरा राज्य में मौजूद राइस मिल 61 लाख मीट्रिक टन अरवा चावल की मिलिंग नहीं कर पाएंगी।
शर्तों में बदलाव के लिए सरकार कर रही पत्राचार
केंद्रीय पूल में चावल लेने की शर्तों से सरकार और मिलर दोनों परेशान हो गए हैं। मिलरों के साथ हुई बैठक के बाद खाद्य विभाग ने केंद्र सरकार के साथ पत्राचार शुरू किया है। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया, केंद्र सरकार के साथ लगातार चर्चा चल रही है। ताकि शर्तों में बदलाव कर उसना चावल देने की भी अनुमति मिल जाए। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने इसके लिए केंद्रीय मंत्री को पत्र भी लिखा है।
जानिए इस दर पर होगी सरकारी खरीदी
खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में किसानों से समर्थन मूल्य पर सामान्य धान की खरीदी 1940 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर की जाएगी। वहीं, ग्रेड-ए धान को 1960 रुपए प्रति क्विंटल की दर से लिया जाएगा। दूसरी तरफ, मक्का की खरीदी 1870 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर प्रस्तावित की गई है।
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