Police displaced the farmers sitting on the strike:
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 112 दिनों से किसान धरना दे रहे हैं। लेकिन अब जिला प्रशासन ने रविवार सुबह नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (NRDA) परिसर में प्रदर्शन कर रहे किसानों को भी वहां से हटा दिया।
पुलिस सुबह करीब 3.30 बजे पुलिस धरना स्थल पर पहुंच गई। इस दौरान किसानों की संख्या कम थी। इसलिए पुलिस ने वहां सो रहे सभी लोगों को उठा लिया। यहां तक कि पुलिस ने किसानों के टेंट, मंच और लाइट-साउंड सामग्री को भी ज़ब्त कर लिया।
नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के लोगों ने जब इसका विरोध किया तो पुलिस ने उनको भी हिरासत में ले लिया है। किसान नेताओं ने यह आरोप लगाया है कि पुलिस उन्हें अज्ञात जगह लेकर गई है। वहीं, प्रशासन ने कहा, समिति की कई मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर कई सकारात्मक निर्णय लिए गए हैं। उनका क्रियान्वयन भी शुरू हो चुका है।
एनआरडीए के कर्मचारियों ने भी सुबह से शाम तक प्रदर्शनकारियों के लाउड स्पीकर बजाने से परेशान हो गए हैं। उन्होंने भी कई बार धरना हटाने की मांग की है। बता दें कि करीब दो दिन पूर्व प्रदर्शनकारियों को नोटिस जारी किया गया था।
जब वे नहीं मानें तो रविवार की सुबह प्रशासन और पुलिस की टीम ने एनआरडीए परिसर जाकर संघर्ष समिति के उपस्थित सदस्यों को अनाधिकृत रूप से परिसर में लगाए गए टेंट और लाउड स्पीकर को हटाने के लिए कहा गया। उन्हें टेंट हटाने के लिए समझाइश दी गई। मगर सदस्यों ने साफ इनकार कर दिया। इसके बाद प्रशासनिक अमले ने मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में टेंट को हटाकर सामग्री जब्त कर ली।
बता दें कि इस आंदोलन के दौरान एक किसान की मौत की हो गई थी। प्रशासन ने इसकी जिम्मेदारी भी किसानों पर ही डाली है।
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