पुलिस नहीं कर पा रही दूसरे प्रदेशों में फसे बच्चों की खोज, कोरोना संक्रमण बना वजह
बिलासपुर. कोविड-19 के संक्रमण ने जिले से लापता बच्चों की तलाश के लिए चलाए जा रहे अभियान में विराम लगा दिया है। संक्रमण के कारण पुलिस दूसरे जिलों और प्रदेशों में पुलिस अभियान के तहत नहीं जा पा रही है। जिले से १४८ बालिका और ४२ बालक लापता हैं। वहीं पुलिस ने वर्ष २०२० के ७ महीनों में ४० बालिका और १८ बालकों को बरामद किया है।
जिले में लापता नाबालिगों के आकड़े में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। छत्तीसगढ़ प्रदेश की स्थापना के बाद से नवंबर २००१ से २१ जुलाई २०२० तक जिले में रहने वाले १४८ बालिका और ४२ बालक लापता हैं। नाबालिग बालक बालिकाओं की तलाश के लिए हाईकोर्ट ने प्रदेश शासन को हर संभव प्रयास करने और लगातार अभियान चलाने का आदेश दिया था, लेकिन मार्च २०२० से प्रदेश में लगे लॉक डॉउन के कारण पुलिस नाबालिग बालक-बालिकों को तलाश करने के अभियान को विराम दे दिया है। पुलिस ने वर्ष २०२० के ७ महीनों में जिले से लापता हुए बच्चों में से ४० बालिका और १८ बालकों को बरामद किया है। वहीं वर्ष २०२० के ७ महीनों में लापता हुए ६२ बालिका और २ बालकों का पुलिस सुराग नहीं लगा पाई है।
सिर्फ पुलिस के जिम्मे तलाश, दूसरे विभाग नहीं दे रहे ध्यान
लापता बच्चों को तलाश करने के लिए हाईकोर्ट ने महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग को कमेटी बनाकर बच्चों की तलाश के लिए संयुक्त रूप से अभियान चलाने का आदेश दिया था। आदेश के बाद भी महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने लापता बच्चों को तलाश करने में अब तक रुचि नहीं दिखाई है। वहीं पुलिस को अकेले अभियान चलाना पड़ रहा है।
लापता बच्चों के मामलों में पुलिस उन्हें बरामद करने का हर संभव प्रयास कर रही है। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण अभियान में थोड़ा विराम लगा है। सूचना मिलने पर पुलिस टीम नाबालिग को बरामद करने दूसरे जिलों में भेजी जा रही है। वर्ष २०२० में लापता हुए बच्चों में से ४० बालिका और १८ बालकों को बरामद किया गया है।
संजय धु्रव, एएसपी
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