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Russia Ukraine War LIVE: रूस रुकेगा नहीं…यूक्रेन झुकेगा नहीं! आखिर क्या है यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध की वजह, कहां से हुई इस विवाद की शुरुआत…
Russia Ukraine War Reason: रूसी सैनिकों ने गुरुवार को यूक्रेन पर अपने प्रत्याशित हमले की शुरुआत की। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के आदेश के बाद यूक्रेन पर यह हमले किए गए। यूक्रेन में रूसी हमले के शुरुआती घंटों में 40 से अधिक यूक्रेनी सैनिक और 10 नागरिक मारे गए हैं। रूस ने राजधानी कीव समेत यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में विस्फोट किए हैं।
यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि रूस कितनी भी कोशिश क्यों न कर ले हम उसके सामने झुकने वाले नहीं हैं। वहीं यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेज़निकोव ने कहा कि जो कोई भी हथियार पकड़ने के लिए तैयार और सक्षम है, वह टेरिटोरियल डिफेंस फोर्स के रैंक में शामिल हो सकता है।
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राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई का आदेश दिया है। आप सभी को बता दें कि पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन पीछे नहीं हटेगा तो युद्ध होगा। वहीं पुतिन ने यूक्रेन की सेना को भी धमकी देते हुए कहा है कि वे जल्द से जल्द अपने हथियार डाल दें वरना युद्ध टाला नहीं जा सकता। इसके अलावा पुतिन ने आगे कहा है कि अगर कोई दूसरा देश बीच में आता है तो उसके खिलाफ भी जवाबी कार्रवाई की जाएगी। आप सभी को बता दें कि राष्ट्रपति पुतिन द्वारा सैन्य कार्रवाई के आदेश के बाद रूस और भी आक्रामक होता जा रहा है।
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आखिर यह विवाद शुरू कहां से हुआ….
NATO सबसे बड़ी वजह
वैसे तो रूस और यूक्रेन के बीच विवाद की कई वजहें हैं, लेकिन इसमें सबसे बड़ी वजह नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (NATO) को माना जाता है। इसे 1949 में शुरू किया गया था। शुरुआत में इसमें 12 सदस्य देश थे, लेकिन अब इनकी संख्या 30 हो गई है। यूक्रेन भी NATO में शामिल होना चाहता है, लेकिन ये बात रूस को नहीं पसंद। इस वजह से पिछले 7 दशक से दोनों देशों में विवाद जारी है।
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रूस चाहता है कि पश्चिम यूक्रेन और अन्य पूर्व सोवियत देशों को NATO से बाहर रखे, रूसी सीमाओं के पास हथियारों की तैनाती को रोके और पूर्वी यूरोप से सेना को वापस बुलाए।
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यूक्रेन NATO में शामिल होना चाहता है जो रूस के साथ अच्छा नहीं रहा है। अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के 30 देश NATO के सदस्य हैं। यदि कोई देश किसी तीसरे देश पर हमला करता है तो NATO के सभी सदस्य देश एकजुट होकर उसका मुकाबला करते हैं। रूस चाहता है कि NATO अपना विस्तार न करे।
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रूस सोचता है कि अगर यूक्रेन को NATO में शामिल होने की अनुमति दी गई, तो समूह रूस की सीमाओं के करीब पहुंच जाएगा।
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यदि यूक्रेन NATO में शामिल हो जाता है, तो वह बाहरी हमलों के मामले में समूह के सदस्यों से समर्थन प्राप्त करने के योग्य है।इसलिए, रूस का मानना है कि यूक्रेन NATO में शामिल होने पर क्रीमिया को वापस लेने का प्रयास कर सकता है। पुतिन ने भी इस संबंध में हाल ही में अपनी चिंता व्यक्त की थी।
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इसलिए, रूस पश्चिम से यूक्रेन से बाहर रहने की मांग करता है क्योंकि पुतिन सोवियत-बाद के अंतरिक्ष में मास्को के प्रभाव को बहाल करना चाहते हैं।
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इसके अलावा, सोवियत संघ के पतन के बाद रूस ने यूक्रेन सहित 14 पूर्व गणराज्यों का नियंत्रण खो दिया।
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पुतिन इसे दुखद मानते हैं क्योंकि दोनों देशों ने एक “ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थान” साझा किया है।
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रूसी राष्ट्रपति पश्चिम और यूक्रेन से गारंटी की मांग करते हैं कि वह इसमें शामिल नहीं होगा और यूक्रेन का विसैन्यीकरण और एक तटस्थ राज्य बन जाएगा।