दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में एक बार फिर ग्रामीणों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों ने पुलिस पर फर्जी सरेंडर का आरोप लगाते हुए दंतेवाडा-किरंदुल मुख्य मार्ग पर लगभग 2 घंटे तक नारेबाजी की. इसके बाद पुलिस ने उन्हें बहुत समझाया। तब जाकर ग्रामीणों ने जाम खोला।
ग्रामीणों ने कहा कि गांव की एक महिला को नक्सली करार देकर जबरदस्ती थाना लेकर गए। फिर शाम को उन्होंने महिला से जबरदस्ती आत्मसमर्पण करवाया। अब इस मामले में को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है उन्होंने TI को हटाने की मांग की है।
ग्रामीणों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि मंगलवार को पुलिस भांसी गांव के बुधराम पारा निवासी 49 वर्षीय आयती तेलाम को जबरदस्ती घर से उठा ले गई। सुबह करीब 11 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक उसे थाने में ही बिठाया गया। इसके बाद शाम को पता चला कि पुलिस ने उसका आत्मसमर्पण करवाया है।
अब इसमें ग्रामीणों का कहना है कि आयती नक्सली नहीं है। पुलिस द्वारा फर्जी सरेंडर करवाया गया है। बुधवार को सुबह लगभग 9 बजे से इलाके के ग्रामीणों ने पुलिस थाने को घेर लिया। इसके बाद उन्होंने पुलिस थाने के सामने ही मुख्य मार्ग पर चक्का जाम किया।
जैसे ही चक्का जाम की जानकारी दंतेवाड़ा के ASP राजेंद्र जायसवाल को मिली, वे खुद मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाया। इसके बाद ग्रामीणों ने जाम खोल दिया। अपनी मांग को लेकर ग्रामीणों ने पुलिस को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं की जाती है तो वे उग्र आंदोलन करेंगे ।
इस मामले को लेकर दंतेवाड़ा के SP सिद्धार्थ तिवारी का कहना है कि ग्रामीण कह रहे हैं कि आयती 2007 से संगठन में एक्टिव नहीं थी। तो फिर इसे सरेंडर क्यों करवाया गया। ग्रामीणों ने इसे लेकर प्रोटेस्ट किया है।
आगे SP ने कहा कि आयती के खिलाफ वारंट है। यह अपने परिवार के साथ खुद सरेंडर करने के लिए पुलिस थाने आई थी। जिसका विधिवत रूप से सरेंडर करवाया गया। पुलिस ने ग्रामीणों को खूब समझाया तब जाकर ग्रामीणों ने जाम खोला।