सिरोही। कुछ दिनों पहले ही 10 लाख रुपए लेकर तस्कर को भगाने वाली SHO को बर्खास्त कर दिया गया था। अब वह बर्खास्त SHO सीमा जाखड़ फरार हो गई है। आज यानी 28 नवंबर को उसकी शादी होने वाली है।
जोधपुर के मंडोर में उसकी शादी की तैयारियां की जा रही हैं। पंडाल भी सज गए हैं। उसी दिन ही गैरकानूनी काम में सीमा जाखड़ का साथ देने वाले 3 कॉन्स्टेबलों को भी बर्खास्त किया गया था। इस मामले में सिरोही के स्वरूपगंज थाना अधिकारी हरि सिंह राजपुरोहित ने कहा कि फिलहाल सभी आरोपी फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है।
शादी की खुशी
भले ही सीमा जाखड़ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है, लेकिन उसके घर और होने वाले ससुराल में खुशी का वातावरण बना हुआ है। घरों में मेहमानों का आना शुरू हो गया है। आज 28 नवंबर को जोधपुर के मंडोर में फरार सीमा की शादी है। सीमा के होने वाले दूल्हे का नाम सुखराम कालीराणा है जो कि जोधपुर के एक कोचिंग संस्थान में टीचर है। वह जोधपुर के तहसील भोपालगढ़ का रहने वाला है। सीमा जाखड़ जोधपुर के विद्यानगर की निवासी है।
ऐसे खुली पोल
डीएसपी मदन सिंह ने कहा कि तस्करों पर कार्रवाई को लेकर सिरोही के जावाल और बरलूट थाने की रिपोर्ट में दिन और समय अलग-अलग था। जहां बरलूट पुलिस ने कार्रवाई का समय, पुलिकर्मियों के नाम-पते, कब कौन रवाना हुआ और तस्करों पर कार्रवाई 15 नवंबर से सुबह 5:06 बजे से होना लिखा था। वहीं, जावाल पुलिस ने कार्रवाई और नाकाबंदी को 14 नवंबर की शाम को होना लिखा।
जब दोनों थाने की रिपोर्ट में मिलान किया गया तब जाकर गड़बड़ी का पता चला। फिर बरलूट के तत्कालीन थानाधिकारी सीमा जाखड़, कांस्टेबल सुरेश विश्नोई, हनुमान विश्नोई और ओम प्रकाश विश्नोई को बर्खास्त कर दिया गया।
एसएचओ ने दर्ज की गलत जानकारी
जानकारी के अनुसार, 15 नवंबर को सुबह 5 बजे एसएचओ ने थाने पहुंचकर घटनाक्रम की जानकारी रजिस्टर में लिखी। उन्होंने रिपोर्ट में यह लिखा कि सुबह 5:06 बजे उन्हें सूचना मिली कि डोडा पोस्त की गाड़ी आ रही है। उन्होंने बरलूट और जावाल पुलिस के साथ नाकाबंदी की। उनके द्वारा कार्रवाई करते-करते 15 नवंबर के सुबह 9 बज गए। फिर वापस आकर सुबह 9:51 पर रिपोर्ट दर्ज कर दी। इसके बाद वे सुमेरपुर के नाम पर बरलूट थाने से एक कार में चली गई।
कॉन्स्टेबल के पास था तस्कर का मोबाइल
एसपी धर्मेंद्र सिंह को यह जानकारी मिली कि तस्करों को भगाने के लिए 10 लाख रुपए में सौदा हुआ था। इसके बाद 15 नवंबर की शाम करीब 4:30 बजे एसपी-डीएसपी सहित वरिष्ठ अधिकारी मौके के लिए रवाना हो गए। जब प्रारंभिक जांच की गई तो गड़बड़ी सामने आई। उस दिन रात को करीब 11:30 बजे तीनों कॉन्स्टेबलों को लाइन अटैच किया गया। कार्रवाई के लिए रिपोर्ट को जोधपुर भेज दिया गया। डीएसपी मदन सिंह को मामले की जांच सौंपी गई। तस्कर का मोबाइल भी कांस्टेबल के पास से बरामद हुआ।
Back to top button