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एसपी पर लगे दुष्कर्म पीड़िता को फर्जी मामले में फंसाने का आरोप, डीजीपी से शिकायत कर दी खुदकुशी की चेतावनी

रायपुर। दुष्कर्म पीडि़ता और उनके परिवार वालों के खिलाफ अलग-अलग थानों में 5 अपराध दर्ज होने के पीछे एक एसपी का हाथ होने का आरोप लगा है। दुष्कर्म पीडि़ता ने इसकी शिकायत डीजीपी से की और सभी मामलों को खत्म करने की मांग की है। अन्यथा खुदकुशी करने की चेतावनी दी है।
दुष्कर्म पीडि़ता विवाहिता ने बताया कि पीयूष तिवारी और एक पुलिस अधीक्षक ने मिलकर साजिश के तहत उनके और उनके बुजुर्ग मां-बाप व अन्य भाइयों के खिलाफ एक के बाद एक अलग-अलग जिलों में धोखाधड़ी के 5 अपराध दर्ज कराए हैं। जहां एसपी पदस्थ होते हैं, वहां उनके व उनके परिवार के खिलाफ झूठा केस बनाया जाता है। रायपुर, दुर्ग, मुंगेली, बेमेतरा में उन पर फर्जी मामले दर्ज किए गए हैं।
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पीडि़ता ने बताया कि पीयूष ने उनसे खुद को पुलिस अधिकारी और अविवाहित बताकर दोस्ती की थी। बाद में हकीकत का पता चलने पर वह उससे अलग हो गई। इसके बाद से पीयूष उसके पीछे पड़ा रहा और पुलिस अधीक्षक के साथ मिलकर साजिश रची। पीयूष के खिलाफ दुष्कर्म, ब्लैकमेलिंग, धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं।
इसके बाद उसकी गिरफ्तारी दो साल बाद हुई। उसके खिलाफ वर्ष 2008 तके कोतवाली में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी, वर्ष 2012 व 2013 में माना कैंप में 376, आम्र्स एक्ट, वर्ष 2013 में सूरजपुर के जयनगर में नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी और सूरजपुर के भटगांव में भी धोखाधड़ी का मामला कायम है।
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खुदकुशी की चेतावनी
पीडि़ता ने बताया कि एक एसपी के साथ मिलकर पीयूष तिवारी ने उनके व उनके परिवार को झूठे मामले में फंसाकर सामाजिक, आर्थिक और मानसिक रूप से क्षति पहुंचाई है। पुलिस सभी मामलों को वापस लें, अन्यथा खुदकुशी करने के अलावा कोई चारा नहीं है।

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