वन अपराधों की जांच करने स्पेशल 18 अफसरों की टीम हो रही तैयार
रायपुर। वन विभाग के स्पेशल 18 अफसरों की टीम वन्य प्राणियों से संबंधित अपराध की विवेचना करेगी। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र वन विभाग की तर्ज पर इसका गठन किया जा रहा है। राज्य सरकार के निर्देश पर इसके गठन के लिए अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षण वन्य प्राणी ने सभी 6 वनमंडलों के सीसीएफ से जल्दी ही नाम भेजने के निर्देश दिए है।
प्रत्येक वनमंडल से तीन तेजतर्रार अधिकारियों का नाम भेजने कहा गया है। इसमें रेंजर, डिप्टी रेंजर और एसडीओ स्तर के अफसर होंगे। टीम का गठन करने के बाद उन्हें अपराध अनुसंधान के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। वन अपराधों को रोकने और उनकी जांच क रने वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ऑफ इंडिया द्वारा दिल्ली में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद वह पुलिस की तरह ही अपराध विवेचना करेंगे। साथ ही संयुक्त रूप से जांच कर कोर्ट में आरोप पत्र प्रस्तुत किया जाएगा। बताया जाता है कि लगातार बढ़ रहे शिकार, अवैध कटाई, वन्य जीवों की तस्करी और वन अपराधों को देखते हुए इसका गठन किया जा रहा है।
विशेष अधिकार देने प्रस्ताव
वन अफसरों की राज्य स्तरीय टीम को विशेष अधिकार देने के लिए राज्य सरकार को जल्दी ही प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसमें वन्य जीव अपराध की विवेचना करने मोबाइल कंपनियों से कॉल डिटेल और टावर लोकेशन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जाएगा। साथ ही मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र राज्य द्वारा जारी किए गए आदेश का उल्लेख किया जाएगा। इसमे विशेष टीम को वन अपराध की जांच करने के लिए अधिकृत किया गया है।
आरोपियों के हौसले बुलंद
वन अपराध के मामले में पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य नहीं पेश कर पाने के कारण वह संदेह लाभ के चलते लगतार जमानत पर छूट रहे है। कोर्ट में प्रकरण साबित नहीं कर पाने के कारण मामले को अधिकांश मामले खारिज भी हो रहे है। पिछले तीन वर्ष में वन्य जीव अपराध के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है।
जल्दी होगा गठन
वन अपराध रोकने के लिए जल्दी ही 18 सदस्यीय विशेष टीम का गठन किया जाएगा। राज्य सरकार की अनुमति से इसके गठन की तैयारी चल रही है। इसके लिए सभी सीसीएफ से नाम मंगवाए गए है।
अरुण कुमार पाण्डेय, एपीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ