पेशाब करना शरीर की सामान्य प्रक्रिया है। जिस तरह पसीने के माध्यम से शरीर से गैर जरूरी तत्व बाहर निकालने की प्रक्रिया है। पेशाब को रोकने का मतलब है, इन गैर जरूरी तत्वों को भी शरीर के अंदर रोके रखना है। आमतौर पर ऐसा होता है कि आपको किसी काम के बीच पेशाब लगता है, लेकिन आप इसे रोके रखते हैं।
कई बार किसी काम, गपशप या पार्टी के बीच किसी को पेशाब लगता है, वह उठकर जाने वाला होता है तो उसके साथी कहते हैं, 2 मिनट रोक नहीं सकते क्या? लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना हैं कि पेशाब रोके रखना कोई मर्दानगी नहीं है। ऐसा करना सेहत के लिए हानिकारक होता है। पेशाब रोकने से शरीर के कई अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
बैक्टीरियल प्रॉब्लम्स
कुछ लोग रात में सोते समय या नींद में या फिर दिन में भी कभी व्यस्त होने के कारण देर तक पेशाब रोके रखते हैं। लेकिन डॉक्टर्स बताते हैं कि इसे आप जितना लंबे समय तक रोककर रखेंगे, आपका ब्लैडर बैक्टीरिया को अधिक विकसित कर कई तरह के स्वास्थ्य जोखिम का कारण बन सकता है।
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन
ज्यादा देर तक पेशाब को रोके रहने से यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। यूरिन रोकने के कारण ही यह संक्रमण फैलता है।
किडनी में स्टोन
यूरिन को एक घंटे या ज्यादा देर तक रोके रखने के कारण महिलाओं या कामकाजी युवाओं में यूरिन संबंधित परेशानियां आती हैं। इसमें शुरुआत ब्लैडर में दर्द होता है। 8 से 10 घंटे शिफ्ट में बैठ कर काम करने वाले युवाओं को यूरिन की जरूरत ही तब महसूस होती है, जबकि वह स्थिति बदलते हैं। जबकि इस दौरान किडनी से यूरिनरी ब्लैडर में पेशाब जमा होता रहता है।
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ऐसी स्थिति में हर मिनट में दो एमएल यूरिन ब्लेडर में पहुंचता है, जिसे प्रति एक से दो घंटे के बीच खाली कर देना चाहिए। ब्लैडर खाली करने में अगर चार से पांच मिनट की देरी हो तो पेशाब दोबारा किडनी में जाने लगता है। ऐसी स्थिति बार-बार हो तो पथरी की समस्या शुरुआत हो जाती है। कारण कि पेशाब में यूरिया और अमिनो एसिड जैसे टॉक्सिक तत्व होते हैं।
रिटेंशन ऑफ यूरिन
प्रेशर के बावजूद यदि आप तीन से चार मिनट तक पेशाब रोकते हैं तो यूरिन के टॉक्सिक तत्व वापस किडनी में जाने लगते हैं। इस स्थिति को रिटेंशन ऑफ यूरिन कहते हैं। इसके अलावा बार-बार पेशाब रोकने से ब्लैडर की मांसपेशियां भी कमजोर हो जाती हैं।
किडनी फेलियर की संभावना
हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि किडनी फेलियर एक ऐसी समस्या है जो किडनी के अचानक ब्लड से टॉक्सिक तत्वों और अवशेषों के फिल्टर करने में असमर्थ होने के कारण होती है। सामान्य से कम पेशाब आना, भूख कम लगना, मितली आना, उल्टी आना, कमजोरी लगना, थकान होना, ऊतकों में तरल पदार्थ रुकने से सूजन आना आदि इसके लक्षण हैं। इसलिए पेशाब रोकने की बजाय इसे शरीर से निष्कासित कर देना चाहिए।