कोपरा को डराने लगा कोरोना, पिछले दस दिनों में आधा दर्जन लोगों की मौत… लापरवाही की वजह से शतक के करीब पहुंचा संक्रमितों का आकड़ा
गरियाबंद। जिले के सबसे बड़े ग्राम पंचायत के लोगों को कोरोना अब डराने लगा है।यहां दस दिनों में आधा दर्जन लोगों की मौत कोरोना से हुई है। स्थानीय और प्रशासनिक स्तर पर ऐसी लापरवाही बरती जा रही हैं कि यहां कोरोना कोविड-19 मरीजों की संख्या शतक के करीब पहुंचने वाली है।
संक्रमति मरीज के परिजनों को गांव में खुलेआम घूमते देखा जा सकता है। वैश्विक महामारी कोरोना कोविड-19 के दूसरी लहर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। कोरोना मरीजों को जहां अस्पतालों में बेड नहीं मिले वहीं श्मशान घटों में कपन-दफन के लिए जगह की कमी बनी हुई है। ऐसे में गरियाबंद जिले के सबसे गांव कोपरा में भयावाह स्थिति निर्मित हो गई है।
बीते दस दिनों में यहां आधा दर्जन लोगों को कोरोना ने अपने आगोश में ले लिया है। दस दिनों के भीतर कोरोना ने बुजुर्ग से लेकर नौ जवानों को अपना शिकार बनाया है। वहीं संक्रमित मरीजों की बात करें तो उनकी संख्या 80 के करीब पहुंच गई है। इसे भी विडंबन कहा जाए कि इतन्नी संख्या में मरीज होने के बाद भी तथ्यात्मक आंकड़ा जिम्मेदारों के पास नहीं हैं।
संक्रमित मरीजों की संख्या बताने में पंचायत, राजस्व एवं स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार कन्नी काट रहे हैं। वहीं ग्रामीणों का दावा है कि गांव में संक्रमित मरीजों की संख्या सौ के करीब पहुंच गया है। इसके बाद भी लापरवाही बरती जा रही हैं। गांव का एक मोहल्ला ऐसा है,जहां घरो-घर कोरोना संक्रमित हैं। गांव का एक भी मोहल्ला ऐसा नहीं है, जहां कोरोना मरीज नहीं हैं।
स्थानीय स्तर पर लापरवाही की ऐसी हद हो गई है कि जिन लोगों के घर कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हुई है, उन इलाकों को अभी तक कंटेनमेंट जोन घोषित नहीं किया गया है। न ही संक्रमित लोगों के घरों में होम आइसोलेशन का स्टीकर चस्पा किया गया है। इसके चलते संक्रमित लोगों के परिजन गांव में खुलेआम घूम रहे हैं। बहरहाल स्थिति ऐसी ही रही तो आने वाले दिनों में ग्रामवासियों को संक्रमण का बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।