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“द कश्मीर फाइल्स’ देखने सिनेमाहाल पहुंचे CM बघेल, कहा- समाधान का कोई रास्ता ही नहीं बताया, पंडितों को बसाने में अब भी नाकाम है सरकार

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार रात रायपुर स्थित एक सिनेमाहॉल में मूवी देखी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, मंत्री अमरजीत भगत, डॉ. शिव कुमार डहरिया और डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम भी उनके साथ फिल्म देखने के लिए पहुंचे थे। जैसे ही फिल्म खत्म हुई, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह फिल्म आधी-अधूरी है। इस फिल्म में समाधान का कोई रास्ता ही नहीं बताया गया है। जब केंद्र में भाजपा के समर्थन वाली सरकार थी उस दौरान कश्मीर से पंडितों का यह पलायन हुआ था।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सिनेमाहॉल के बाहर मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अभी उन्होंने कश्मीर फाइल्स फिल्म देखी। इस फिल्म में वहां पर हुई आतंकवादी घटनाओं को दिखाया गया है। फिल्म एक परिवार पर घटी घटनाओं को लेकर आगे बढ़ती है। आखिरी में जो नायक है वह कहता है कि इसमें न केवल हिंदुओं की बल्कि वहां के बौद्धिस्टों, सिख और मुस्लिमों को जो भारत के साथ हैं, उनकी भी हत्याएं हुई हैं। इस फिल्म में एक राजनीतिक संदेश देने का प्रयास किया गया है।
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आगे मुख्यमंत्री भूपेश बादल ने कहा, कश्मीरी पंडित हैं उनका विस्थापन हुआ। यह 1989-90 का वो दौर था जब वीपी सिंह प्रधानमंत्री थे और अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व वाली भाजपा उस सरकार समर्थन कर रही थी। उस दौरान जगमोहन वहां के उप राज्यपाल थे। कश्मीरी पंडितों को रोकने का प्रयास नहीं किया गया, बल्कि कश्मीरी पंडितों को जाने के लिए उन्होंने कहा।
आगे उन्होंने कहा, वहां राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया, मगर वहां सेना नहीं भेजी गई। सेना तब भेजी गई जब राजीव गांधी ने संसद का घेराव किया। भाजपा ने इस फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग की है इस पर जुड़े एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, ऐसी फिल्म जिसमें कोई समाधान नहीं है। उस दिशा में कोई प्रयास नहीं है। सिर्फ हिंसा दिखाने की कोशिश है। मैं नहीं समझता इसका कोई औचित्य है।
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सीएम बघेल ने कहा, आज भी कश्मीरी पंडितों की समस्या वही है। वहां से अनुच्छेद 370 हटा दिया गया, मगर पंडितों को बसाने का कोई काम नहीं हो रहा है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार हो या फिर मौजूदा सरकार जिसे सत्ता में आठ साल हो गए। इस फिल्म में भी उसका कोई समाधान नही दिखाया गया है।

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