जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले से नकल की खबर सामने आई है। यहां बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं। लेकिन बोर्ड परीक्षाओं में नकल माफिया के हौसले बुलंद है। परीक्षाओं में ड्यूटी के दौरान ऑर्ब्जवर को भी नकल कराने के लिए धमकाया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, जांजगीर-चांपा जिले स्थित एक प्राइवेट स्कूल के संचालकों ने दो ऑब्जर्वर को स्कूल में घुसने नहीं दिया। उन्होंने ऑब्जर्वर से कहा कि अगर नकल नहीं होगी तो ईमानदारी का मेडल नहीं मिल जाएगा। अब इसके बाद दोनों ऑब्जर्वर ने उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा है और ड्यूटी से अलग करने को कहा है।
दरअसल, इन दिनों प्रदेश में 10वीं और 12वीं की ऑफलाइन बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं। पामगढ़ के शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला ससहा के व्यवाख्याता प्रेमचंद खांडे और शासकीय हाईस्कूल मेउ के व्याख्याता शिव कुमार केशी को ऑब्जर्वर बनाया गया है। दोनों ऑब्जर्वर मेउ के एसआर साहू प्राइवेट हाईस्कूल के निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। उनका आरोप है कि पर्यवेक्षकों ने उन्हें परीक्षा कक्ष के अंदर घुसने से मना कर दिया। इसके साथ ही उन्हें नकल कराने के लिए भी धमकाया गया।
दोनों ऑर्ब्जवर शिक्षकों ने आरोप लगाया कि स्कूल में बाहर के व्यक्ति नकल करा रहे थे। जब उन्होंने रोकने की कोशिश की तो उनसे कहा गया कि नकल नहीं चलने पर उन्हें ईमानदारी का मेडल नहीं मिल जाएगा। इतना सबकुछ होने के बाद भी केंद्राध्यक्ष ने उन्हें मना नहीं किया।
आगे उन्होंने बताया कि यह सब 7 मार्च से चल रहा है। जब भी निरीक्षण के लिए स्कूल गए तो यही स्थिति देखने को मिली।
जिला शिक्षाधिकारी को पत्र लिखकर कहा- जान का खतरा
दोनो आब्जर्वर स्कूल संचालक के व्यवहार और रोज मिल रही धमकी से स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इस घटना के बाद दोनों आब्जर्वर ने 9 मार्च को जिला शिक्षाधिकारी के पास शिकायत की है। उन्होंने लिखा कि भविष्य में उनके साथ कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है।
अब नकल रोकने उठाया ये कदम
इस मामले मेंजिला शिक्षा अधिकारी कुमुदनी बाघ द्विवेदी ने कहा कि शिकायत मिली है। नकल रोकने के लिए उस स्कूल में टीम तैनात की जाएगी। जांच करने के बाद संचालक के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
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