Diabetes In Children: बच्चों में बढ़ रहा है डायबिटीज का खतरा, जानें क्या है कम उम्र में हो रही डायबिटीज के कारण
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डायबिटीज आज के दौर की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है भारत में बहुत से लोग इस समस्या का सामना कर रहे हैं। बच्चे हो या बड़े सभी डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं। वैसे डायबिटीज युवाओं-वृद्ध लोगों में काफी आम हो चुकी यह समस्या लेकिन अब कम उम्र के लोगों को भी शिकार बना रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, ज्यादातर मामलों में बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज का ही खतरा देखा जाता रहा है, पर ये टाइप-2 डायबिटीज के भी शिकार हो सकते हैं। टाइप-1 एक प्रकार का ऑटोइम्यून रोग है जिसका आनुवांशिक जोखिम हो सकता है, पर अब बच्चों में कई गड़बड़ आदतों के कारण टाइप-2 डायबिटीज का भी खतरा बढ़ता देखा जा रहा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि कम उम्र में ही बच्चों में मधुमेह की समस्या कई अन्य जटिलताओं वाली हो सकती है। इसका सीधा असर उनकी क्वालिटी ऑफ लाइफ पर भी पड़ सकता है। इसलिए बहुत जरूरी है कि हम अपने साथ बच्चों की भी दिनचर्या पर विशेष ध्यान दें। अध्ययनों में साल 2050 तक दुनियाभर की बड़ी आबादी में मधुमेह के खतरे को लेकर अलर्ट किया जाता रहा है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ समय में इस बीमारी ने तेजी से बच्चों को भी अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं लेकिन जो कारण प्रमुखता से सामने आया है वो है खराब लाइफस्टाइल। बच्चों के खानपान की आदतें बच्चों में डायबिटीज का कारण बन रही है।
जिन बच्चों के माता-पिता को डायबिटीज की समस्या रही है उन्हें आनुवांशिक रूप से इसका खतरा अधिक हो सकता है। ब्लड शुगर का बढ़ा हुआ स्तर पूरे शरीर में समस्याएं पैदा कर सकता है। इससे रक्त वाहिकाओं और तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है जिससे आंखों, किडनी और हृदय को भी खतरा रहता है। कम उम्र में बढ़ती इन समस्याओं के जोखिमों से बचाव के लिए जरूरी है कि खान-पान और दिनचर्या को ठीक रखें।
यह हैं लक्षण
-बार-बार पेशाब आना
-ब्लैडर इंफेक्शन
-इंफेक्शन और घाव का देर से भरना
-थकान के साथ धुंधली आंखें
-अधिक प्यास लगना
-ब्लड में ग्लूकोज का हाई लेवल
-हाथ पैरों में झनझनाहट होना
-मिचली और उल्टी आना
अपने लाडले को डायबिटीज से कैसे बचाएं
1. बच्चों को स्वस्थ भोजन का महत्व सिखाना, जंक फूड से परहेज करना, हेल्दी स्नैकिंग में शामिल होना, खाने के दौरान मोबाइल से दूर रखना, अधिक पानी पीना, अधिक फल और हरी सब्जियों का सेवन करना, धीरे-धीरे खाना, भरे पेट के साथ भोजन की खरीदारी करना, परिवार के साथ भोजन करना ।
2. अपने बच्चे को प्रत्येक दिन कम से कम 60 मिनट के लिए किसी फिजिकल एक्टिविटी में शामिल करें, ताकि उसकी बॉडी एक्टिव रहे और बच्चा डायबिटीज की बीमारी से बचा रहे।
3. बच्चों की मेंटल हेल्थ पर ध्यान दें ताकि वे पढ़ाई में मन लगा सकें और लोगों के साथ कनेक्ट कर सकें।
4. माता-पिता को समय-समय पर अपने बच्चों की डायबिटीज की जांच करा लेनी चाहिए।
5. बच्चों को अच्छी डाइट दें. उसके ब्लड शुगर के लेवल की समय-समय पर जांच करते रहे। कुछ दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।