नई दिल्ली: किसी लूट या चोरी के वारदात को अंजाम देने के आपने कई तरीके देखे या सुने होंगे. मगर एक गैंग ऐसा है, जिसका बॉस प्लेन से तो साथी ट्रेन से आता है और पॉश इलाके के घरों में लूट की वारदात को अंजाम देकर रफूचक्कर हो जाता है. हैरानी की बात यह है कि इस गैंग का खौफ ऑल ओवर इंडिया में है. यूपी से लेकर महाराष्ट्र तक यह गैंग वारदातों के शतक लगा चुका है. हालांकि, अब इसका सरगना पुलिस की गिरफ्त में आ गया है. दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश में साथियों संग 130 से अधिक लूट की आपराधिक मामलों में शामिल रहने वाला लुटेरों का सरदार गिरफ्तार हो चुका है.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अंतराज्यीय लुटेरों के गैंग सरगना रफीक शेख उर्फ रोका को उसके 2 साथियों के साथ देश की राजधानी दिल्ली से पकड़ा है. सरगना रफीक शेख के अलावा, जिन दो अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है, उनके नाम शबेद अली खान और शेख मयदुल हैं. इनके ऊपर भी कई मामले दर्ज हैं. पुलिस की मानें तो गिरफ्तार रफीक शेख और सबेद अली खान जहांगीरपुरी थाना के हिस्ट्रीशीटर हैं और तीनों के पास से .32 बोर की तीन सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल और 8 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं.
कई मामलों में वांटेड था रफीक
रफीक शेख उर्फ रोका पर उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से 15000 रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था. इन तीनों के पास से थाना महरौली और थाना पुल प्रहलादपुर के इलाके से लूटी गई नकदी और आभूषण (सोना और चांदी) बरामद किए गए. स्पेशल सेल के मुताबिक, रफीक शेख उर्फ रोका कुल 31 आपराधिक मामलों (दिल्ली से 13 मामले, यूपी से 10 मामले, महाराष्ट्र से 7 मामले और कर्नाटक से 1 मामला) में वांटेड था. उसके ऊपर 30 जून 2021 को आईएसबीटी कश्मीरी गेट के पास एसएचओ-कोटला मुबारकपुर और उनकी टीम पर फायरिंग का सनसनीखेज मामला भी शामिल है. पुलिस ने आगे बताया कि साबिद अली खान और शेख मयदुल दोनों कर्नाटक में वांटेड थे. टीम को इनपुट मिला था कि एक गैंग का सरगना दिल्ली में मौजूद है, तब जाकर इनकी गिरफ्तारी हुई.
कैसे वारदात को देते थे अंजाम
स्पेशल सेल की टीम की मानें तो रफीक शेख उर्फ रोका चोरों के इस गिरोह का सरगना है. यह गिरोह पूरे भारत के पॉश इलाकों में बंद घरों की रेकी करता था और इसके बाद गिरोह के सदस्य घर तोड़ने वाले अपने औजारों से रेकी किए गए घरों को निशाना बनाते थे. वे ताले तोड़कर घरों में घुसते थे और वहां से नकदी और आभूषण चुरा लेते थे. वारदात को अंजाम देने के दौरान एक या दो सदस्य आस-पास के घरों पर नजर रखते थे. वे पॉश इलाकों में बड़े घरों को निशाना बनाते थे ताकि वहां से अच्छी मात्रा में नकदी और आभूषण प्राप्त कर सकें. लगातार 4 या 5 घरों में चोरी करने के बाद रफीक शेख उर्फ रोका अपने गैंग के साथियों को को दिल्ली छोड़कर कोलकाता चला जाता था. शहर बदलने के लिए जहां रफीक शेख ज्यादातर हवाई जहाज से यात्रा करता था और गैंग के बाकी सदस्य ट्रेन या बस से सफर करते थे.