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Delhi Flood: बाढ़ के बीच दिल्ली में जल संकट का खतरा, मेट्रो सेवा बाधित

Delhi Weather Forecast:  दिल्ली में बाढ़ के चलते हालात गंभीर होते जा रहे हैं। दिल्ली के यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ने से आसपास के इलाकों में पानी भरना शुरु हो गया है। कश्मीरी गेट, वजीराबाद, मयूर विहार, निगमबोध, आईटीओ के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस आया है।

साथ ही हरियाणा के बराज डैम से पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। साथ ही दिल्ली में यमुना खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। दिल्ली के कुछ इलाकों में बुधवार को हल्की बारिश देखने को मिली। लेकिन मौसम पूरे दिन सुहाना बना रहा। मौसम विभाग की मानें तो अब 15 और 16 जुलाई को बारिश होने की संभावना है। इसे लेकर मौसम विभाग ने येलो अलर्ट भी जारी किया है। दिल्ली सरकार ने निचले इलाकों में रहने वाल लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का निर्देश दिया है।

यमुना में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ने किया फैसला

यमुना नदी के ऊपर से गुजरते समय मेट्रो की स्पीड लिमिट 30km/घंटा से अधिक नहीं होगी। DMRC ने ट्वीट किया कि यमुना के बढ़ते जल स्तर के कारण, एहतियात के तौर पर ट्रेनें नदी पर बने सभी चार मेट्रो पुलों से 30 किमी प्रति घंटे की प्रतिबंधित गति से गुजर रही हैं।

यमुना के सटे करीब 25 गांवों तक पानी पहुंच चुका है। जाजल से टोंकी रोड पर पानी भरने व रास्ता टूटने से संपर्क बाधित हो गया है। यहां मंगलवार को यमुना का जलस्तर 216.1 मीटर था जो बुधवार को बढ़कर 216.4 तक पहुंच गया। हालांकि यमुना खतरे के निशान 217 मीटर से अभी नीचे है। फरीदाबाद में यमुना से लगते गांवों में पानी घुसना शुरू हो गया। करीब 10 हजार घरों में नदी का पानी भर गया है। जिला प्रशासन ने मंगलवार रात करीब दो बजे अमीपुर गांव में बाढ़ में फंसे 78 लोगों को रेस्क्यू किया। फिलहाल इन लोगों को अमीपुर गांव के शेल्टर होम में रखा गया है।

 

उत्तराखंड के 5 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट

उत्तराखंड के देहरादून, पौड़ी, टिहरी, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में भारी वर्षा की आशंका जताते हुए यलो अलर्ट जारी किया गया है। पौड़ी, चमोली, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में गुरुवार को भी 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र बंद किए गए हैं। राज्य में 249 संपर्क मार्ग भूस्खलन के कारण बंद हैं। मार्ग बाधित होने की वजह से 9400 से अधिक यात्री अलग-अलग स्थानों पर फंसे हैं। प्रदेश के 503 गांवों का उनके जिला मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है। 123 गांवों में बिजली-पानी की आपूर्ति और 50 से अधिक गांवों में संचार

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