पेंड्रा। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष रेणु जोगी ने अपने एक बयान से फिर से प्रदेश का सियासी पारा बड़ा दिया है। उन्होंने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) में यह कह दिया है कि पार्टी विलय की किसी से कोई चर्चा नहीं हुई है। मैं JCCJ में बहुत खुश हूं। उन्होंने यह कहा कि हमारी पार्टी के विधायक धरमजीत सिंह का ध्यान भारतीय जनता पार्टी की तरफ,तो वहीं प्रमोद शर्मा और देवव्रत सिंह का रुझान कांग्रेस की तरफ है।
उन्होंने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा, ‘मैं जनता कांग्रेस में खुश हूं, हमारे काम भी अच्छे से हो रहे हैं। मैं अब तक जहां भी रही हूं, पूरी निष्ठा और लगन के साथ रही हूं’। उन्होंने बताया कि जब तक कांग्रेस ने उनका टिकट नहीं काटा तब तक उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी और यहां तक कि परिवार के दबाव के बाद अपनी तरफ से पहले कांग्रेस में ही रही थी। रेणु ने कहा कि पार्टी विलय में दलबदल कानून के तहत भी अड़चन आने वाली है।
रेणु ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि पहले कांग्रेस का आपसी मतभेद और मनभेद सुलझ जाने दो, फिर देखते हैं। रेणु जोगी ने आगे कहा कि राजनीति में समीकरण बनते बिगड़ते रहते हैं लेकिन अभी विलय की कोई संभावना नहीं है।
लोरमी विधायक धरमजीत सिंह ने रेणु जोगी के बयान को लेकर यह कहा है कि किस का रुझान किसकी तरफ है, यह तो वक्त ही बताएगा। अभी हम सब JCCJ में हैं, लेकिन अगर रेणु जोगी जी ने मेरे संबंध में कुछ कहा है तो ये उनके अपने मत हैं।
JCCJ के कांग्रेस में विलय की चर्चा थी
गौरतलब है कि कुछ रोज पहले इस बात की चर्चा चल रही थी कि अजीत जोगी की जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ का कांग्रेस में विलय हो सकता है। यहां तक कि यह बात भी सामने आई थी कि रेणु जोगी अभी दिल्ली में हैं और वह कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर सकती हैं, इसके बाद ये माना गया कि जोगी कांग्रेस का कांग्रेस में विलय हो सकता है। फिर इस मामले ने थोड़ा और तूल तब और पकड़ लिया जब मंत्री टीएस सिंहदेव ने मरवाही में ये कह दिया कि कांग्रेस के अभी 70 विधायक हैं और अब कई बढ़ भी सकते हैं। सिंहदेव के इस बयान को भी जोगी कांग्रेस के कांग्रेस में विलय के रूप में दखा गया था। लेकिन इसी बीच रेणु जोगी के इस बयान ने इस बात पर विराम लगा दिया।
यदि विधानसभा में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के विधायकों के बारे में बात की जाए तो पार्टी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में बसपा के साथ मिलकर कुल 7 विधानसभा सीटों पर चुनाव जीता था। जानकारी के मुताबिक, इसमें बसपा की 2 और जोगी कांग्रेस की 5 सीटें थीं। लेकिन अजीत जोगी के निधन के बाद मरवाही सीट पर फिर उपचुनाव हुए। इसके बाद कांग्रेस के केके ध्रुव ने इसमें जीत हासिल की थी। इस तरह विधासभा में जोगी कांग्रेस के पास 4 विधायक हैं।