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ये है मछली पालन का सबसे अच्छा तरीका, लागत कम और मुनाफा दोगुना, जानिए इससे जुड़ी हर बात

मछली पालने वाले व्यक्ति को इस बात की जानकारी होनी चाहिए की किस प्रकार की मछलियों का पालन किया जाय जो बेहतर हो। लेकिन हमें मछली पालन की शुरुआत में इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसमें तेजी से बड़े होने के साथ साथ आसानी से मिल जाए और लोगों में उसकी काफ़ी ज्यादा मांग हो। जिससे उसे बेचने पर किसी भी प्रकार की समस्या न आये।
मछली पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें आपको लागत बहुत कम और लाभ ज्यादा होता है। इसके लिए जरूरी है बेहतर तकनीक की। यदि आप बेहतर तरीके से मछली पालन करना जानते हैं तो आप इससे अच्छा लाभ कमा सकते हैं। मछली पालन में एक तरीका ऐसा जो अमेरिका, रूस और यूरोप के देशों में काफी प्रचलन में है और वो है पिंजरे में मछली पालन।
जगह की आवश्यकता कम होती है
इस तकनीक से मछली पालन के लिए बहुत कम जगह की आवश्यकता होती है। इस तकनीक को अपनाकर आप कम लागत में अधिक लाभ कमा सकते हैं।
आइए जानते हैं पिंजरे में मछली पालन का तरीका
पिंजरे में मछली पालन से लाभ
मरम्मत व रखरखाव में आसानी होती है। साथ ही मछलियों के बड़े होने पर उन्हें निकालने में कोई परेशानी नहीं आती। पिंजरे में मछलियों पर नियंत्रण होता है और इनकी ग्रोथ तेजी से होती है। साथ ही इस तरीसे मछली पालन में मछलियों की कम मात्रा में मौत होती है। यही नहीं हम इन्हें अन्य पशुओं से भी बचा पाने में सफल रहते हैं। साथ मछली को पकड़ने के लिए अलग से मछुवारे की आवश्यकता नही पड़ती है। जिससे उनके मजदूरी के रूपये भी बच जाते है।
पिंजरे में मछली पालन की शुरुआत के लिए सबसे पहली चीज जिसका हमें ध्यान रखना होता है वो है पिंजरे की क्वालिटी और उसे थामे रखने के लिए मजबूत फ्रेम की। आप मछली पालन के लिए दो प्रकार का पिंजरों का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक वो जो स्थिर रहें यानी एक ही जगह पर रहें और दूसरे वो जो पानी में तैरने वाले हों। स्थिर पिंजरों का इस्तेमाल 5 मीटर तक की गहराई वाले पानी की जगह के लिए किया जाता है।
वहीं, 5 मीटर या उससे अधिक गहराई वाले पानी में तैरने वाले पिंजरों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन यहां पर ध्यान देने वाली बात ये है कि पिंजरे में मछली पालन हर जगह के पानी में सफल नहीं हो पाता। इसे झील, बांध, तालाब और नदियों में करना लाभदायक हो सकता है। पिंजरों के लिए जगह का चुनाव करते वक्त इस बात का खास ख्याल रखें कि वहां, पानी कम से कम 10 फीट गहरा हो, गंदगी न हो, पशुओं की पहुंच से दूर हो, ऑक्सीजन की कमी न हो।
कौन सी मछली पालें?
मछली पालन के लिए कई प्रकार की मछलियों को बेहतर माना गया है। लेकिन हमें मछली पालन की शुरुआत में इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसमें तेजी से बड़े होने की दर हो, आसानी से मिल जाए और लोगों में उसकी मांग भी हमेशा रहती है। इनमें सिंघी, मांगुर, महाशीर, रोहू और झींगा को रख सकते हैं।
इन बातों का रखें ख्याल
पिंजरे में काई आने पर पूरक भोजन देना बंद कर दें।
पिंजरे की जाली को सप्ताह में एक बार जरूर साफ करें।
घायल मछलियों को अलग कर दे।
समय समय पर उनकी वृद्धि और स्वास्थ्य की जांच करते रहें।
पिंजरे की देखभाल, उसकी रस्सियों को समय समय पर बांधना और उनकी सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
बड़ी मछलियों को अलग कर लें और छोटी मछलियों को एक साथ रखें।
यदि हम बात करे 6 महीने की कमाई की तो आपको पिंजरे की खरीद पर 45 हजार रुपये का खर्च आएगा। इस पर करीब 75000 रुपये की मजदूरी लग सकती है। इसके अलावा दो लाख रुपये का खर्च पंगेसियस मछली के बीच और उसके खाने में खर्च होगा। ऐसे में आपका कुल खर्च करीब 3.2 लाख रुपये आएगा। लेकिन इससे होने वाली कमाई कहीं ज्यादा होगी।
क्योंकि 1 लाख रुपये के पंगेसियस मछली के बीज 6 महीने में तैयार होकर 10 हजार किलो हो जाएगा। यह मछली करीब 100 रुपये किलो के रूप में बिकती है तो कुल आय 10 लाख होगी जिसमें से 3.2 लाख के निवेश को हटा दें तो आपको करीब 7 लाख रुपये की आमदनी आपको होगी।

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