दुर्लभ पक्षियों और गिलहरियों का अवैध शिकार करते तीन ग्रामीण गिरफ़्तार, वन विभाग की टीम ने पकड़ा रँगे हाथों
कवर्धा। कबीरधाम जिले के वन विकास निगम के क्षेत्र में जिले के जंगलों में पाई जाने वाली अलग-अलग विभिन्न प्रकार के दुर्लभ पक्षियों का छर्रा वाली बन्दूक से शिकार करते हुए तीन ग्रामीणों को वन विभाग की टीम ने रँगे हाथों पकड़ लिया है। तीन ग्रामीणों द्वारा वन विकास निगम के कक्ष क्रमांक संरक्षित वन- 1422 में, 14 मार्च, रविवार को इनडियन ग्रे हार्नबिल, इंडियन रोलर, पैराकीट (हरिल तोता), स्पाटिड डोव, कामन् मैना तथा गिलहरियों शिकार करते कर रहे थे।
तीनों अपराधियों के पास से अपराध में उपयोग किए गए वाहन बाइक, बंदूक, छर्रा, थैला एवं अन्य सामग्री जप्त की गई है। मौके पर मंडल प्रबंधक शशिगानंदन, भारतीय वन सेवा के निर्देश पर परिक्षेत्र अधिकारी वीरेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में अधीनस्थ वन अमला द्वारा रंगे हाथ पकड़ लिया गया।
वन विकास निगम के अधिकारी ने बताया कि सुनिल कुमार धुर्वे पिता- दुखीराम धुर्वे जाति- गोंड निवासी ग्राम- छिरहा ग्राम पंचायत कुल्हीडोंगरी पोस्ट- मुनमुना तहसील- पंडरिया, घनश्याम सिंह परस्ते पिता- श्रीवर सिंह परस्ते ग्राम- पिपरहा ग्राम पंचायत – सिंगपुर और बुधराम धुर्वे पिता- तिहारी धुर्वे जाति- गोंड ग्राम- छिरहा ग्राम पंचायत- कुल्हीडोंगरी पोस्ट- मुनमुना जिला- कबीरधाम, अपराधियों के विरुद्ध अपराध दर्ज की गई। माननीय न्यायालय के समक्ष वैधानिक कार्यवाही के लिए वन विकास निगम की टीम द्वारा विभागीय प्रक्रिया की जा रही है। मृतक पक्षियों और गिलहरियों का पोस्टमार्टम डा.सोनम मिश्रा, वन्य प्राणी पशु चिकित्सक, भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण तथा स्थानीय पशु चिकित्सक द्वारा किया गया।
वन मण्डल कवर्धा की टीम को मिली बड़ी कामयाबी
जिला कबीरधाम में कवर्धा मंडल, वन विकास निगम की टीम द्वारा की गई त्वरित कार्यवाही के चलते अवैध शिकार कर रहे अपराधियों को पकड़ा जा सका और उनके खिलाफ कार्यवाही को अंजाम दिया गया। वन्यजीव अपराध के इस पूरे केस को निराकरण करने में प्रबंधक संचालक श्री पी.सी.पांडे तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक श्री पी.वी. नरसिंगराव का सतत् विशेष मार्गदर्शन रहा
होली त्यौहार आते ही शिकारी हो जाते है सक्रिय, वन विभाग ने गस्त बढ़ाई
होली के आसपास कबीरधाम जिले में वन क्षेत्रों में अवैध शिकार, वन अग्नि, अतिक्रमण, अवैध परिवहन तथा अवैध कटाई के प्रकरण बढ़ जाते हैं। इन पर नियंत्रण करने के लिए वन अमला की सतत क्षेत्रीय गस्त बढ़ाई गई है। 15 फरवरी से 15 जून के बीच में अग्नि पर नियंत्रण तथा बचाव के लिए प्रत्येक बीट में स्थानीय व्यक्ति का सहयोग लेते हुए उन्हें काम पर अग्नि की रक्षक के तौर पर रखा गया है।