टाटा समूह जिसने नमक से सॉफ्टवेयर तक बनाया है, उनके लिए आज यानी 8 अक्टूबर का दिन बहुत ही ऐतिहासिक है। आज लगभग 70 साल बाद टाटा समूह को एक बार फिर से एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया की कमान मिली है। टाटा समूह ने आजादी के बाद से ही सरकार के पास कमान रही इस एयरलाइन की वापसी के लिए लगभग 18 हजार करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। इसके साथ ही अब भारत की एविएशन इंडस्ट्री में टाटा समूह का दबदबा बढ़ जाएगा। टाटा समूह अब तीन एयरलाइन- विस्तारा, एयर एशिया और एयर इंडिया का मालिक बन चुका है।
जानिए किस एयरलाइन में है कितनी हिस्सेदारी
जानकारी के मुताबिक, टाटा समूह को एयर इंडिया में शत प्रतिशत हिस्सेदारी मिल गई है। इधर, विस्तारा एयरलाइन, टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड और सिंगापुर एयरलाइंस लिमिटेड (एसआईए) का एक ज्वाइंट वेंचर है। इसमें जहां टाटा संस की 51 फीसदी हिस्सेदारी है तो वहीं सिंगापुर एयरलाइन का स्टेक 49 फीसदी है। वहीं बात अगर हम एयर एशिया की करें तो इसमें टाटा संस की हिस्सेदारी कुल 83.67 फीसदी है।
मालूम हो कि मलेशियाई एयरलाइंस कंपनी एयर एशिया बेरहाद और टाटा संस के ज्वाइंट वेंचर ने साल 2013 में एयर एशिया की शुरुआत की थी। लेकिन तब भी टाटा संस का हिस्सा 51 फीसदी था। एयर एशिया बेरहाद की हिस्सेदारी उसमें 49 फीसदी थी। बीते साल में एयर एशिया बेरहाद ने अपनी 32.67 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी, किंतु इसके बाद इस एयरलाइन में टाटा समूह की हिस्सेदारी बढ़कर 83.67 फीसदी हो गई।
जानकारी के लिए बता दें कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों के अनुसार, एयरएशिया, विस्तारा और एयर इंडिया की डोमेस्टिक एयरलाइन इंडस्ट्री में लगभग 25 फीसदी की हिस्सेदारी है। पहली तिमाही में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, डोमेस्टिक एयरलाइन में एयर इंडिया 13.4 फीसदी, विस्तारा 8.1 फीसदी, एयरएशिया इंडिया 3.3 फीसदी की हिस्सेदार है।
, इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड की एयरलाइन कंपनी इंडिगो की बात करें तो करीब 58 फीसदी की हिस्सेदारी है। इसके अलावा स्पाइसजेट की 9.1 फीसदी और गोएयर की 6.8 फीसदी हिस्सेदारी है। हालांकि, इंटरनेशनल एविएशन में भारत की अन्य कंपनियों के मुकाबले एयर इंडिया की 50 फीसदी से भी ज्यादा हिस्सेदारी है।