वास्तु शास्त्र की कुछ बातों को आप ध्यान में रखकर घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते है। घर में सकारात्मक ऊर्जा के संचार से सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। घर का मुख्य द्वार बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता है। हर घर में मुख्य द्वार पर पायदान जरूर बिछाया जाता है ताकि बाहर की गंदगी घर के अंदर प्रवेश न करे।
द्वार पर पड़े पायदान से न केवल आपके घर में साफ-सफाई रहती है बल्कि इसके सही प्रयोग से आप घर की नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर कर सकते हैं। तो आईए आज हम आपको बताते हैं कि वास्तु के मुताबिक, पायदान से नकारात्मक ऊर्जा कैसे दूर की जा सकती है और कैसा होना चाहिए पायदान का रंग और आकार।
वास्तु के मुताबिक कभी भी घर की दहलीज या फर्श टूटा हुआ नहीं होना चाहिए। कहते हैं अगर आपके द्वार या फिर किसी भी स्थान का फर्श टूटा हुआ है या उसमें दरारें हैं तो उससे वास्तु दोष उत्पन्न होता है। जिससे आपके घर में नकारात्मकता का संचार होने लगता है और आपके घर में कलह की स्थिति उत्पन्न होने लगती है। तो ऐसे में घर के दहलीज पर और जहां पर फर्श टूटा हुआ है वहां पर पायदान डालकर रखें। इससे आपको नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से कुछ राहत मिलेगी।
अगर आपके घर में नकारात्मकता की वजह से अशांति का वातावरण बना हुआ है तो काले कपड़े में थोड़ा सा कपूर बांधकर पायदान के नीचे रखने से आपके घर की नकारात्मकता दूर हो जाएगी। आपके घर में शांति आने लगेगी और परिवार में सद्भाभाव की भावना उत्पन्न होगी।
> वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में हमेशा ही आयताकार पायदान बिछाने चाहिए।
> घर में उत्तर दिशा के लिए हमेशा हल्के रंग के पायदान का प्रयोग करना चाहिए।
> पूर्व दिशा के मुख्य द्वार पर भी हल्के रंग के पायदान का उपयोग करना अच्छा रहता है।
> घर के बाहर कमरों में जो पायदान बिछाते हैं उसके नीचे थोड़ी सी फिटकरी अवश्य रख दें। कहते हैं इससे भी घर की नकारात्मकता दूर होती है।
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