आज के दौर में आधार और पैन कार्ड दोनों बहुत ज्यादा आवश्यक और अहम दस्तावेज माने जाते हैं। इनका प्रयोग स्कूल में दाखिले के लिए, दफ्तर में, अस्पताल और बैंक से जुड़े कामों के लिए आदि में सबसे ज्यादा होता है।
आप अपने पैन कार्ड का उपयोग हर प्रकार के वित्तीय लेन-देन में कर सकते हैं। इसके साथ ही आधार कार्ड का उपयोग कई सारे सरकारी कामों के लिए भी होता है। इस वजह से लोग इसे बहुत संभालकर रखते हैं। लेकिन क्या आपको पता हैं कि यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसके आधार कार्ड और पैन कार्ड का क्या होगा? उसके बाद उसका क्या किया जाता है?
यदि आपके जानकारी में भी कोई ऐसा व्यक्ति है जिसके घर में किसी ऐसे व्यक्ति का आधार और पैन कार्ड मौजूद है, जिसकी मृत्यु हो चुकी है, तो आपके लिए इससे जुड़े नियम को जानना बहुत आवश्यक हो जाता है। तो आइये आज हम आपको इनके बारे में बताते हैं।
ये हैं आधार और पैन कार्ड के नियम
आपको बता दें कि अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो आपको उसके आधार और पैन कार्ड को डीएक्टिवेट या उसको सरेंडर करने की आवश्यकता होती है। इसलिए यह जरूरी है कि आपको आधार और पैन कार्ड को रिटर्न या डीएक्टिवेट करने के नियम के बारे में जानकारी हो। आपको इसके लिए ये काम करने की जरूरत होती है।
आधार कार्ड के लिए ये काम करने की जरूरत
यदि कोई मर जाता है, तो उसके आधार कार्ड को डीएक्टिवेट नहीं कर सकते हैं और न ही उसे रिटर्न करने का कोई प्रावधान भारत सरकार ने बनाया है। मगर उसके गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए आप अपने आधार कार्ड को डेथ सर्टिफिकेट से लिंक कर सकते हैं। अगर आप ऐसा करते हैं तो कोई भी उस आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल नहीं कर सकेगा।
ऐसे वापस करें पैन कार्ड
यदि आप मृत व्यक्ति का पैन कार्ड वापस करना चाहते हैं, तो इसके लिए आप असेसमेंट ऑफिसर को एक लेटर लिख लें। इसके बाद आपको उस पैन कार्ड वापस करने का असली कारण बताना होगा। फिर आपको उस व्यक्ति का नाम, जन्मतिथि, पैन नंबर के साथ-साथ डेथ सर्टिफिकेट लगाकर उसको रिटर्न कर देना होता है।
पैन कार्ड रिटर्न करने का समय
यदि कोई व्यक्ति मर जाता है, तो उसका पैन कार्ड तत्काल रिटर्न करने से बचना चाहिए। यह इसलिए क्योंकि पैन कार्ड का उपयोग कई सारे वित्तीय कार्यों से जुड़ा होता है। ऐसे में आपको उन सभी कार्यों को निपटाने के बाद ही पैन कार्ड को रिटर्न करना चाहिए।
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