हर साल 11 जुलाई को पूरे विश्व में जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य यह है कि, दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति बढ़ती जनसंख्या (world population day 2021)की ओर अवश्य ध्यान दे और जनसंख्या को कंट्रोल करने में अपना योगदान भी अवश्य करें। इस दिन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई क्रियाकलाप किए जाते हैं। ताकि जनता जागरूक हो सकें और जनसंख्या पर कंट्रोल कर सकें। जनसंख्या वृद्धि विश्व के कई देशों के सामने बड़ी समस्या का रूप ले चुकी है। खासकर विकासशील देशों में जनसंख्या विस्फोट’ गहरी चिंता का विषय है।
क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड पॉपुलेशन डे
यूनाइटेड नेशन ने 11 जुलाई 1989 को आम सभा में ‘World Population Day’ मनाने का फैसला लिया था। दरअसल 11 जुलाई 1987 तक वर्ल्ड पॉपुलेशन का आंकड़ा 5 अरब के भी पार पहुंच चुका था। तब दुनिया भर के लोगों को बढ़ती आबादी के प्रति जागरूक करने के लिए इसे वैश्विक स्तर पर मनाने का फैसला लिया गया था।
वर्ल्ड पॉपुलेशन से जुड़े रोचक बातें
* 2024 तक भारत की जनसंख्या चीन से अधिक हो जाएगी। 2017 की संयुक्त राष्ट्र विश्व जनसंख्या संभावना रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग सात वर्षों में, भारत की जनसंख्या चीन से अधिक हो जाएगी। चीन की आबादी 1.4 अरब है और उसके बाद भारत की 1.3 अरब है। दोनों देश दुनिया की कुल आबादी का 37 प्रतिशत हिस्सा हैं।
* उत्तर प्रदेश की आबादी 19.9 करोड़ है और इसकी जनसंख्या ब्राजील जितनी है। उत्तर प्रदेश की जनसंख्या रूस से कहीं ज्यादा है। छत्तीसगढ़ की आबादी ऑस्ट्रेलिया से ज्यादा है।
* भारत की वर्तमान आबादी में 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग 25 साल की उम्र से कम के हैं। करीब 65 प्रतिशत लोग 35 साल तक की उम्र के हैं। भारत की लगभग 72.2 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है और मात्र 27.8 प्रतिशत आबादी शहरों में बसी हुई है।
* नेपाल में महिलाओं की आबादी सबसे ज्यादा है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रभाग के अनुसार, नेपाल की लगभग 54.19 प्रतिशत आबादी में महिलाएं शामिल हैं। देश में 1,57,88,000 महिलाएं हैं, जबकि पुरुषों की आबादी 1,33,48,000 है। इसके बाद हांगकांग है, जहां महिलाएं 54.12 प्रतिशत हैं और कुराकाओ, जहां महिलाएं 54.01 प्रतिशत हैं।
* न्यूजीलैंड में लोगों से ज्यादा भेड़ें हैं। 1982 में न्यूजीलैंड में 3.18 मिलियन लोग और 70.3 मिलियन भेड़ें थीं। यानी प्रति व्यक्ति 22 भेड़ें। हालांकि, यह संख्या घटकर 5.6 भेड़ प्रति व्यक्ति रह गई है।
* दुनिया के किसी न किसी हिस्से में हर मिनट 250 बच्चे पैदा होते हैं। 2018 में जारी संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया के किसी न किसी हिस्से में हर मिनट 250 बच्चे पैदा होते हैं, जिससे यह सालाना 130 मिलियन से अधिक हो जाता है।
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