भारत-रूस के बीच 7 अहम समझौते
कामगारों की आवाजाही से लेकर यूरिया उत्पादन और मेडिकल एजुकेशन तक बढ़ेगा सहयोग

भारत-रूस के बीच 7 अहम समझौते
कामगारों की आवाजाही से लेकर यूरिया उत्पादन और मेडिकल एजुकेशन तक बढ़ेगा सहयोग
नई दिल्ली, 5 दिसंबर 2025/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हैदराबाद हाउस में हुई उच्च स्तरीय द्विपक्षीय बैठक में भारत और रूस ने सात महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को नई दिशा देने वाले समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इन समझौतों में प्रवासन, स्वास्थ्य सेवा, खाद्य सुरक्षा, जहाज निर्माण, समुद्री सहयोग, केमिकल उद्योग और उर्वरक उत्पादन जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं। बैठक के बाद आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने रूस के नागरिकों के लिए फ्री ई-टूरिस्ट वीज़ा की शुरुआत की घोषणा भी की। यह वीज़ा 30 दिनों के लिए वैध होगा, जिससे दोनों देशों के बीच पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा
सात प्रमुख समझौते हुए, कई क्षेत्रों में खुले नए अवसर
भारत और रूस के बीच जिन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, उनमें हैं—
1. सहयोग और प्रवासन पर समझौता
2. अस्थायी श्रम गतिविधियों पर समझौता
3. स्वास्थ्य सेवा व मेडिकल एजुकेशन पर समझौता
4. खाद्य सुरक्षा और मानक
5. ध्रुवीय जहाजों पर सहयोग
6. समुद्री सहयोग से जुड़ा समझौता
7. उर्वरकों पर समझौता
इन समझौतों का उद्देश्य दोनों देशों की आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना और बहु-क्षेत्रीय सहयोग को नई दिशा देना है।
मिलकर करेंगे यूरिया उत्पादन
उर्वरकों से जुड़े समझौते के तहत भारत और रूस संयुक्त रूप से यूरिया उत्पादन करने पर सहमत हुए हैं। चूंकि भारत अब तक रूस से बड़े पैमाने पर यूरिया आयात करता रहा है, ऐसे में यह समझौता आयात निर्भरता कम करने और घरेलू उत्पादन बढ़ाने में सहायक साबित होगा। इसके तहत आधुनिक तकनीक और मशीनरी के उपयोग से उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की योजना है।
भारतीय कामगारों के लिए अवसर
भारत-रूस प्रवासन समझौता उन भारतीय कामगारों के लिए राहत लेकर आया है जो विदेशों में रोजगार के अवसर तलाशते हैं। इस समझौते के तहत— भारतीय कामगार अब कानूनी और व्यवस्थित प्रक्रिया से रूस में रोजगार पा सकेंगे। उचित वेतन, बेहतर सुरक्षा और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित होगी। कनाडा और ब्रिटेन जैसे देशों में सख्त होते प्रवासन नियमों के बीच यह समझौता भारतीय वर्करों के लिए एक नया विकल्प बनकर उभर सकता है। यह श्रमिकों की आवाजाही को सरल, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल मानी जा रही है।
स्वास्थ्य, शिक्षा और समुद्री सहयोग
हेल्थकेयर और मेडिकल एजुकेशन पर हुआ समझौता दोनों देशों के बीच— मेडिकल रिसर्च, डॉक्टरों के प्रशिक्षण, स्वास्थ्य सेवाओं के आदान-प्रदान को मजबूत करेगा। वहीं ध्रुवीय जहाजों और समुद्री सहयोग पर हुए समझौते से शिप बिल्डिंग सेक्टर, समुद्री सुरक्षा और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में नई संभावनाएं खुलने की उम्मीद है।