रायपुर. जिला मुख्यालयों से गांवों और कस्बे पक्की सड़कों से जोड़ेंगी। पीडब्ल्यूडी के अनुसार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों और पुल-पुलिया निर्माण पर फोकस किया गया है। मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के तहत 2675 सड़कों का निर्माण होने जा रहा है, जिसकी लंबाई 460 किमी है। इसके लिए 329 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। एडीबी प्रोजेक्ट सहित ये निर्माण 2022-23 तक पूरा होने की दावा है।
राजधानी सहित कई शहरी क्षेत्रों में सड़कों का चौड़ीकरण-फ्लाईओवर जरूरतों में शामिल है। परंतु पिछले तीन वर्षों से चल रहे निर्माण पूरे होने का नाम नहीं ले रहे। मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के तहत स्वास्थ्य केंद्रों, स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों को जोडऩे के प्लान पर तेजी से काम शुरू कराया गया है। रोड़ कार्पोरेशन के अनुसार 504 निर्माण कार्यों के लिए 5543 करोड़ की स्वीकृति गई है। वहीं कई जिलों में दो दर्जन से अधिक पुल-पुलिया बनने जा रही है। दूसरी तस्वीर ऐसी भी है कि राजधानी में करोड़ों रुपए के कई निर्माण दो-तीन सालों से चल रहे हैं। इसमें नवा रायपुर में राजभवन, सीएम हाउस, मंत्रियों और अफसरों के बंगले शामिल हैं।
नई विधानसभा निर्माण की नींव भी रखी गई
नवा रायपुर में 350 करोड़ की लागत से नई विधानसभा और सेरीखेड़ी में विधायक विश्रामगृह निर्माण कराने के लिए भूमिपूजन किया है। इसके अलावा हज हाउस निर्माण 16 करोड़ होगा। परंतु अभी टेंडर प्रक्रिया फाइनल नहीं हुई है। इससे पहले राजभवन, सीएम हाउस, मंत्रियों और अफसरों के बंगलों का निर्माण 500 करोड़ की लागत से पिछले साल से चल रहा है। जिसे पूरा होने में अभी समय लगेगा।
कोरोना से प्रभावित हुए निर्माण कार्य
कोरोना महामारी में कई निर्माण कार्य प्रभावित हुए हैं। यही वजह रही कि पुराने कार्यों को पूरा कराने पर ही अधिक जोर दिया जा रहा है। नए निर्माण कार्यों की स्वीकृति पर रोक जैसी स्थितियों का भी सामना करना पड़ा है। पीडब्ल्यूडी के बजट में 30 प्रतिशत की कटौती की गई। इस साल 2021 के लिए 5225 करोड़ निर्माण कार्यों के लिए स्वीकृति का अधिकार सीजीआरआईडीसी को दिया गया। करीब 504 निर्माण कार्य कराने के लिए 5543 करोड़़ के कराने की दिशा में तेजी आई है।
स्काईवॉक पर तीन साल से फैसला नहीं
राजधानी के शास्त्री चौक और जयस्तंभ चौक जैसी मुख्य सड़क पर 70 करोड़ के स्काईवॉक पर तीन साल पहले रोक लगी। उस पर आज तक यह फैसला नहीं हो सकता कि स्काईवॉक का अधूरा निर्माण पूरा हो गया या फिर ऐसा ही बीच सड़क पर आधा-अधूरा ही नजर आएगा। पिछली सरकार के समय में शुरू 70 करोड़ के निर्माण की राजधानी के लोगों को कोई सुविधा नहीं मिल पाई।
नवा रायपुर में राजभवन, सीएम हाउस,मंत्रियों और अफसरों के बंगले निर्माण पर रोक लगानी पड़ी है। 4. पीडब्ल्यूडी के ये सभी प्राजेक्ट 500 करोड़ के है। सीएम हाउस और मंत्रियों के बंगले का निर्माण 40 से 50 फीसदी तक हो चुका है। 5. रायपुर में करीब 400 करोड़ के निर्माण एक्सप्रेस-वे जैसी सड़क, रेलवे क्रासिंग पर अंडर और ओवरब्रिज व भवन निर्माण अधूरे हैं।
राज्य के संपूर्ण विकास की कार्य योजना पर सरकार तेजी से काम कर रही है। करोड़ों रुपए की सड़कों और पुल-पुलिया निर्माण को स्वीकृति दी गई है। पुराने निर्माण कार्यों को तेजी से पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य का कोई सा भी क्षेत्र उपेक्षित न रहे इस पर विशेष ध्यान दिया गया। मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना गांवों की तस्वीर बदलने वाली साबित होगी, क्योंकि इससे स्कूल, अस्पताल और आंगनबाड़ी केंद्रों तक सड़कें पहुंचेंगी।
– ताम्रध्वज साहू, मंत्री पीडब्ल्यूडी
विकास कार्यों को लेकर सरकार का कोई विजन दिखाई नहीं देता है। हमारी सरकार के समय जो निर्माण कार्य शुरू हुए थे, वही आज तक चल रहे हैं। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रदेश में किस तरह के निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं। एडीबी प्रोजेक्ट की 25 सड़कों की भी स्वीकृति भाजपा सरकार ने दी थी। राजधानी में करोड़ों रुपए के निर्माण पिछले तीन सालों में पूरा नहीं होने से जनता को सुविधाओं से वंचित रखा गया है।
– राजेश मूणत, पूर्व मंत्री, पीडब्ल्यूडी
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