छत्तीसगढ़

आंध्रप्रदेश से पहुंचा दलाल, पैसों का लालच देकर ग्रामीणों को फुसलाया, 40 से 50 कमार जनजातियों ने किया पलायन 

मैनपुर। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर के सुदूर वनांचल कमार जनजाति बहुल्य ग्राम अमली में इन दिनों कमार जनजाति के लोगों का दूसरे राज्य पलायन का सिलसिला शुरू हो गया है। इसके चलते पूरे प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।
अमली में कमार जनजाति के 40 से 50 लोग कामकाज व रोजगार के अभाव मे रोजगार की तलाश का तलब लिए आंध्रप्रदेश के ईंट भट्टों की ओर रूख कर लिया है। जिन्हे मनाने के लिए ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों द्वारा पूरी कोशिश की जा रही है। लेकिन बीते एक माह में 40 से 50 ग्रामीण गांव से दूसरे राज्य काम की तलाश में निकल गए हैं।
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स्थानीय ग्राम पंचायत के सचिव से लेकर आला अफसरों तक को गांव-गांव मे रोजगार मूलक कार्य उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए है और प्रत्येक सप्ताह बकायदा जिला और जनपद स्तर मे समीक्षा भी अधिकारियों के द्वारा किया जा रहा है।
इन तमाम तरह के मॉनिटरिंग के बावजूद गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र के ग्राम अमली से सैकड़ों ग्रामीण वह भी विशेष पिछड़ी जनजाति कमार आदिवासी रोजगार की तलाश में आंध्रप्रदेश, हैदराबाद के ईंट भट्टों में काम करने के लिए डेढ़ माह पहले ही गांव को छोड़कर चले गए हैं।
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कई घरों में लटके हैं ताले
पलायन कर गए इन ग्रामीणों के घरों के सामने दरवाजे को ग्रामीणों के द्वारा ईंट से पूरी तरह बंद कर दिया गया है, कहीं ताले लगे हुए हैं। तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 40 किमी दूर ग्राम पंचायत इंदागांव और उसके आश्रित ग्राम अमली जो इंदागांव से 15 किमी दूर पहाड़ी के ऊपर बसा हुआ है। जंगलों के घिरे यहा निवास करने वाले कमार जनजाति के लोग अभाव और परेशानियों के बीच जिंदगी गुजारने के लिए एक तरह आदि हो चुके हैं।
गांव के आधे लोग कर गए पलायन
सरपंच राजमन नेताम ने बताया कि कमार जन जाति के लोग काम की तलाश में पलायन किए है। ग्राम पंचायत इंदागांव के आश्रित ग्राम अमली के ही विशेष पिछड़ी कमार जन जाति से पहली बार इंदागांव के सरपंच चुने गए राजमन नेताम ने मैनपुर पहुंच कर बताया कि ग्राम अमली से आधे लोग पलायन कर गये है 15 -20 घरों मे ताला लगा है।
इसकी जानकारी उन्होने एक माह पहले ही सचिव मनोज साहू के माध्यम से जनपद में देने को कहा था। सरपंच राजमन नेताम के अनुसार 40 से 50 ग्रामीण जो विशेष पिछड़ी जनजाति आदिवासी कमार है कमार जनजाति के लोग पलायन कर आंध्रप्रदेश चले गये हैं।
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दलाल पहाड़ी रास्ते से कराते हैं पलायन
ग्राम पंचायत इंदागांव के सरपंच राजमन नेताम व सचिव मनोज साहू ने बताया कि ओडि़शा प्रदेश के कुछ दलाल इस पंचायत क्षेत्र में पहाड़ी रास्तों से पहुंचकर ग्रामीणों को बहलाने फुसलाने में लगे हुए थे। और कुछ पैसा देकर लगभग ग्रामीणों को दूसरे प्रदेश में रोजगार उपलब्ध कराने की बात कह कर पलायन करवा लिए हैं। कुछ ग्रामीणों ने उन्हे फोन में बताया कि वे लोग आंध्रप्रदेश में ईंट बनाने का कार्य कर रहे हैं।
क्या कहते हैं जनपद मैनपुर सीईओ
जनपद पंचायत मैनपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रूपकुमार ध्रुव ने बताया कि ग्राम पंचायत के सचिव मनोज साहू के माध्यम से पता चला है कि ग्राम अमली से 50-60 लोग जो कमार जनजाति के हैं। वे लोग पलायन कर आंध्रप्रदेश ईंट भट्टे में काम करने गए हैं। जिसकी सूची हमें प्राप्त हुई है।
ध्रुव ने बताया कि गांव में रोजग़ार मूलक कई योजनाओं में कार्य चल रहा है, फिर भी दलाल उन्हें बहला फुसला कर दूसरे प्रदेश ले जाते है जो एक गंभीर मामला है।
यह उनकी आदत
ग्राम पंचायत इंदागांव के सचिव मनोज साहू ने बताया कि ग्राम अमली से हर साल लोग पलायन कर जाते हैं। यह उनकी आदत है। जबकि इस गांव मे कई मनरेंगा योजना के तहत कार्य 25 अक्टूबर से चल रहे हैं।
उन्होने बताया 40-50 लोग पलायन कर गए हैं, जिन्हे मनाने पूरा प्रयास किया गया, लेकिन वे नही माने और पहाड़ी इलाकों से होकर दूसरे राज्य निकल गए हैं। सचिव मनोज साहू ने बताया ग्राम अमली की जनसंख्या 250 से 260 के आसपास है।

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