सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सली आए दिन कोई न कोई घटना को अंजाम देते ही रहते हैं। कहीं सड़क पर पेड़ डालकर आवाजाही प्रभावित करते हैं तो कभी जवानों के लिए जाल बिछा देते हैं। लेकिन इस बार साल 2022 का पहला दिन सुकमा पुलिस के लिए बहुत ही खास रहा।
यह इसलिए क्योंकि जिले में 1 इनामी सहित 44 माओवादियों ने नए साल के पहले दिन हिंसा का रास्ता छोड़कर जवानों के सामने हथियार डाल दिए। बता दें कि आत्मसमर्पण करने वालों में 9 महिला माओवादी भी शामिल हैं।
इन सबमें सबसे खास बात यह है कि इन सभी 44 माओवादियों को गांव के ग्रामीण स्वयं पुलिस कैंप लेकर पहुंचे और उन्हें सरेंडर करवाया। साथ ही उनसे यह संकल्प दिलवाया कि वे अब कभी हिंसा के रास्ते में नहीं चलेंगे। साथ ही विकास का साथ देंगे। इससे खुश होकर पुलिस अफसरों ने पूरे गांव को दावत खिलाई।
असल में, हाल ही में सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित गांव करीगुंडम में जवानों का नवीन पुलिस कैंप स्थापित किया गया है। कैंप खुलने के बाद इलाके में सड़क, पुल-पुलिया समेत स्कूल, आश्रम अस्पताल खोलने जैसी कई तरह की प्लानिंग की जा रही है। मगर, इन कामों को करने में तब आसानी होगी जब इलाके में नक्सली दहशत थोड़ी कम होगी।
वैसे कैंप स्थापित होने के बाद पुलिस क्षेत्र में पैठ जमाने की कोशिश कर रही है। वहीँ, यहां के ग्रामीण भी अपने गांव में शांति और विकास चाहते हैं। इस वजह से गांव के 44 लोग जो मुख्यधारा से भटक कर संगठन में चले गए थे, उन्हें सरेंडर करवाया गया है।
कई अपराधों में रहें हैं शामिल
सुकमा के SP सुनील शर्मा के मुताबिक, सरेंडर किए माओवादी जिले के चिंतागुफा, चिंतलनार और भेज्जी थाना क्षेत्र में कई सालों से सक्रिय रहे हैं। वे इन इलाकों में काफी उत्पात मचाते थे। वे कई बड़े अपराधों में भी शामिल रहे हैं। ये 44 नक्सली बड़े नक्सलियों के लिए भोजन और मीटिंग की व्यवस्था करते थे, सड़क काटते थे, पुल तोड़ते थे।
सबसे अहम बात यह है कि इन 44 माओवादियों में 1 मड़कम दुला प्लाटून नंबर 4 का सदस्य है। बताया जा रहा है कि इसपर 2 लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया गया है। मड़कम दुला कई बड़े नक्सली लीडरों के साथ काम कर चुका है। ऐसे में पुलिस के सामने कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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