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7 करोड़ पानी की तरह बहा दिए, सौंदर्यीकरण हो गया छू मंतर

बिलासपुर. प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना सरोवर धरोहर के तहत जोरापारा में 7 करोड़ रुपए सौंदर्यीकरण में खर्च कर दिए गए। 7 करोड़ का सौंदर्यीकरण कहां गया यह किसी को पता नहीं। रात होते ही ग्रामीण क्षेत्रों के तालाबों की तहर यहां भी अंधेरा पसर जाता है।

शहर के पुराने तालाबों में से 1 अरपापार जोरापारा तालाब में सरोवर धरोहर योजना के तहत निगम अधिकारियों ने 7 करोड़ रुपए खर्च किए थे। तालाब की सफाई कराने से लेकर तालाब के चारों ओर लोहे की रेलिंग से घेरा करने, पचरी निर्माण, तालाब की बाउंड्री में करीब 80 से अधिक विद्युत खंभे लगाकर बिजली व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही तालाब की बाउंड्री में लोगों के मॉर्निंग वॉक और घूमने के लिए सीसी रोड का निर्माण किया गया था। निर्माण कार्य कुछ दिनों तक ही टिका और चोरों ने लाइट पार कर दिया। इतना ही नहीं लाखों की लागत से तालाब में फाउंटेन लगाया गया था, जिसे चोरों ने तालाब में घुसकर मोटर समेट पार कर दिया।

रखरखाव के कारण हो रहा उजाड़
जोरापारा तालाब में रखरखाव के अभाव में अब उजाड़ होता जा रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले ३ वर्षों से तालाब की सफाई नहीं हुई है और न ही अधिकारियों ने तालाब की सुध ली है। तालाब में पचरी है जिसे लोगों को खुद साफ करने के बाद नहाने और अन्य धार्मिक कार्यों को करना पड़ रहा है।

पचरी है लेकिन विसर्जन के लिए नहीं मिलता पानी
तालाब में पानी भरपूर है, बाउंड्रीवाल और पचरी भी बनी हुई है, लेकिन लोगों को धार्मिक कामों के लिए पानी नहीं मिल पाता। इसका सबसे बड़ा कारण तालाब में जलकुंभी का फैलाव है। इसे हटाने में लोगों को कई घंटे लग जाते हैं। कुछ देर तक जलकुंभी पानी से अलग रहती है और फिर से पानी में फैल जाती है। वहीं तालाब में कमल की भी भरमार है।

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