रायपुर। छत्तीसगढ़ में निजी यात्री बस संचालकों ने यात्री किराया में बढ़ोतरी समेत दो मांगों को लेकर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। ऐसे में रोजमर्रा के सफर पर जाने-आने वाले करीब 5 लाख यात्रियों को परेशानी होनी तय है। यह महाबंद अनिश्चितकालीन होगा। जब तक बस संचालकों की मांग मानी नहीं जाती तब तक राज्य में बसें नहीं चलेंगी। इससे राज्य के 12 हज़ार बसों के पहिये थम जाएंगे।
इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनवर अली बताया, ‘कई दिनों से संघ किराया बढ़ाने के लिए मांग कर रहा था। दो सप्ताह से महासंघ के पदाधिकारी इस मुद्दे पर प्रशासन और सरकार के मंत्रियों से मुलाकात कर रहे थे, लेकिन सरकार राजी नहीं है। इसलिए मंगलवार से बसों का संचालन बंद करने का ऐलान किया है।’
उन्होंने बताया कि महासंघ की दूसरी मांग उस नियम को रद्द करने की है जिसमें कहा गया है कि केवल दो महीने तक उपयोग में नहीं आने वाले वाहनों के कर के भुगतान में छूट दी जाएगी। अली ने बताया कि 2009 में बनाए गए नियम के अनुसार वाहन संचालकों को उन वाहनों का भी कर देना होता है जो दो महीने से अधिक समय तक उपयोग में नहीं हैं।
बता दें छत्तीसगढ़ में यात्री किराया नहीं बढ़ने की वजह से बस संचालकों को नुकसान हो रहा है। बीते दो सालों में लॉकडाउन और कोरोना के असर की वजह से आर्थिक परेशानी बढ़ी है। पड़ोसी राज्य जैसे मध्यप्रदेश में सरकार ने यात्री किराया बढ़ाने पर मंजूरी दी जिससे वहां के बस ऑपरेटरों को थोड़ी ही सही राहत मिली है।
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