दिल्ली। सीबीएसई(CBSE) के 10वीं बोर्ड के नतीजे आने में देरी होने की बड़ी वजह सामने आई है। इसमें कुछ स्कूलों और संचालकों के द्वारा शरारत और लापरवाही की गई है। जिससे पुरे देश के बच्चों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
जानकारी के मुताबिक देश के कुछ स्कूल ऐसे हैं जिनकी एक गलती की वजह से 10 वीं के बच्चों के रिजल्ट लेट हो गए हैं जिसका हर्जाना पुरे देशभर के विद्यार्थयों को भुगतना पड़ रहा है। इन स्कूलों ने अपना अच्छा प्रदर्शन दिखाने के लिए टेबुलेशन फॉर्मूला के रेफरेंस रेंज का अपने तरीके से ही इस्तेमाल किया और छात्रों को ज्यादा से ज्यादा अंक दे दिए हैं।
स्कूलों ने की थी बड़ी लापरवाही
आपको बता दें जैसे ही इन स्कूलों ने अंक अपलोड किये वैसे ही बोर्ड ने इसका डेटा विश्लेषण करना शुरू किया तो यह बात पकड़ में आई की इन स्कूलों ने CBSE बोर्ड के मूल्यांकन प्रक्रिया का उन्लंघन किया है। इन स्कूलों की इतनी बड़ी लापरवाही को देखते हुए इनकी मूल्यांकन प्रक्रिया को सीबीएसई ने सिरे से खारिज कर दिया है। अब 17 जुलाई तक नई सीमा देकर CBSE बोर्ड ने इन स्कूलों को कहा है कि वे टेबुलेशन के निर्देश के ‘शब्दों व भावनाओं’ को ठीक से लागू करें वरना बोर्ड को स्वयं हस्तक्षेप करते हुए उनके स्कूल के विद्यार्थयों के मार्क्स तय करने होंगे।
20 जुलाई को हो सकते हैं 10वीं के नतीजे घोषित
सीबीएसई ने अब नतीजे आने की नई तारीखों की घोषणा की है। उनके एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बोर्ड ने अब 10वीं के नतीजे 20 जुलाई और 12वीं के नतीजे 30 जुलाई को घोषित करने का लक्ष्य रखा है। अधिकारी ने बताया , यदि बोर्ड को शुक्रवार तक भी बचे स्कूलों का डेटा प्राप्त हो जाता है तो 20 जुलाई को 10वीं के नतीजे घोषित हो जायँगे। यदि डेटा मिलने में देरी होगी तो नतीजे आने में भी देरी हो सकती है।
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