अनुच्छेद 370 से आजादी की लडाई, आतंकवाद की भयावह घटना याद दिला जाती है। तीन दशक बाद भी जनता डर और यातना भुला नही पाई। वह भयावह घटना अब भी लोगों में दहशत कायम रखे हुए हैं। अपनी माटी से अलग हुए कश्मीरी पंडितों के दिल तब सिहर उठते हैं जब वे उस यातना के दौर को याद करते हैं। यहाँ तक की उस घटना को तीन दशक हो चुके हैं बावजूद इसके उन्हें उस दौर की यातनाएं याद आ ही जाती हैं। उस समय उन्होंने अपने परिवार को खो दिया। उनके अपने भाई-बहन, मां-बाप और बेटी को खोने का दुख उनके चेहरे पर एक दर्द की लकीर खींच देता है।
370 से मिली आजादी ने दी नई आस
अनुच्छेद 370 से आजादी मिल गई है ऐसे में पंडितों में एक नई आस एक नई आशा एक नया विश्वास जागृत हुआ है। उन सबको पूरा विश्वास है कि वे सब फिर अपने अपने घर जा सकते हैं। और अब फिर से घाटी पंडितों से गुलजार हो जाएगा।
सरकार का पंडितों की वापसी पर प्रयास जारी
सरकार पंडितों की घर वापसी को लेकर भरसक प्रयास कर रही है। इधर घर लौटने के इच्छुक पंडितों का पंजीकरण शुरू भी कर दिया गया है।ट्रांजिट कैंप के लिए भूमि का भी चयन किया जा चुका है। पीएम पैकेज मे भर्तियां भी कराई जा रही है।
ये है प्रधानमंत्री पैकेज
बता दें कि 2015 में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री पैकेज के तहत ही 6000 ट्रांजिट आवास और 6000 नौकरियां निकाली थीं। सरकार द्वारा इन नौकरियों के लिए 920 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई थी। अभी पांच जिलों में 2600 फ्लैट्स के निर्माण को मंजूरी दे दी गई है। निर्मित किए गए ये आवास पीएम पैकेज के तहत नियुक्त किए गए कर्मचारियों दिये जाएंगे वो भी सारी सुविधाओं के साथ। इसके अलावा घाटी मे स्थित कुछ अलग-अलग जगहों पर और 2744 फ्लैट बनाए जाएंगे। जिसमें 356 करोड़ का खर्चा होगा। मालूम हो कि इसके लिए जमीन का भी चयन कर लिया गया है। बताया गया है कि इनमें से सभी आवास तीन और पांच मंजिला हो सकते हैं।
पंडितों की वापसी की कवायद
राज्यपाल प्रशासन कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए पूरा प्रयास कर रही है। उन्होंने आवास के लिए आबंटित जमीन के चयन से लेकर दूसरे कार्यों मे भी प्रयास किया।
सरकार की हिदायत
इधर सरकार ने उपायुक्तों को हिदायत दी कि कश्मीरी विस्थापितों की जमीन और मकान का पूरा ध्यान रखा जाए। उनपर किसी भी प्रकार का कब्जा न हो, यह सुनिश्चित कर लें। साथ ही साथ मंदिरों की दशा सुधारने को लेकर भी कार्य चल रहा है।
370 हटी, लौटे 528 लोग
अनुच्छेद 370 जैसे ही हटा 528 लोग अपने घर सुरक्षित लौट आये। अगर सरकारी आंकड़ों की बात हम करें तो पता चलता है कि 1990 में, 44167 परिवारों ने घाटी विस्थापन कर लिया था।
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