रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष और मरवाही के पूर्व विधायक जोगी ने बंगले में हुए एक भोज की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है। लेकिन इस तस्वीर को लेकर वे बुरी तरह से ट्रोल हो रहे हैं। रविवार को गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही के कार्यकर्ताओं के लिए अमित जोगी ने एक भोज का आयोजन किया। उन्होंने उसकी कुछ तस्वीरें जारी की साथ ही लिखा- एकादशी पर्व पर हैदराबाद की बिरयानी बनाई। इसपर लोगों ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी। यहां तक कि कई लोगों ने इसे धर्म का अपमान तक कह दिया।
अमित जोगी ने लिखा, आज GPM जिले के प्यारे JCCJ के सम्मानित सदस्यों के लिए अपने पैतृक निवास पर मैंने एकादशी पर हैदराबाद की 12 घंटे तक धीमी आंच में खास मसालों में पकी उम्दा कच्ची मटन बिरयानी बनाई। सदियों से पहले सीरिया से आए केरल में बसे रूढ़िवादी ईसाई समुदाय का ईस्टर चिकन, गोवा के मूल निवासियों की खट्टी-मीठी काजू करी और छत्तीसगढ़ की मशहूर पाताल के झोझो के साथ मिर्ची, प्याज, आलू और बैगन के भजिए खुद पकाकर सबको परोसा।
अमित जोगी ने आगे लिखा, पापा के लिए हर रात उनके पसंदीदा व्यंजन बनाने ने मुझे एहसास दिलाया कि अपने प्रियजनों के लिए दिल से खाना पकाने और खिलाने में कितनी खुशी मिलती है। ईश्वर ने चाहा और वक्त मिला तो ऐसा मैं अपने आगामी दौरे में प्रत्येक जिले में JCCJ परिवार के सदस्यों के लिए करना चाहूंगा।
एकादशी पर मांसाहार से बौखलाए लोग
अमित जोगी के इस कैप्शन पर दुर्गेश कुमार देवांगन नाम के एक यूजर ने लिखा, बहुत ही अच्छा काम है आपका। लेकिन एकादशी के दिन ही क्यों आयोजन किए महोदय? किए तो किए पर लिखना अनिवार्य था क्या। वहीं, नीरज यादव नाम के एक यूजर ने लिखा, शर्म कर एकादशी पर मटन बिरयानी पकाकर खा रहा है, औरों को भी परोस रहा है। सुधीर आरती मिश्रा ने लिखा, एकादशी को सात्विक भोजन किया जाता है। लहसुन-प्याज भी नहीं खाते और आप गर्व के साथ चिकन-मटन पका रहे हैं और बता भी रहे हैं।
यूजर्स ने लगाया धर्म के अपमान का आरोप
आशीष कपूर ने लिखा, एकादशी पर बिरयानी। हिंदू संस्कृति का थोड़ा तो सम्मान और विचार करें। एकादशी पर चावल खाना मना है और आप तो बिरयानी खा रहे हैं। कृपा कर अपनी पोस्ट से एकादशी शब्द को हटा दें और माफी मांगे। अशोक ताम्रकार नाम के एक यूजर ने लिखा, अजीब बेशर्मी वाला पोस्ट है। यह हिंदू धर्म का अपमान है। हेमंत शर्मा ने लिखा, एकादशी लिखना जरूरी था क्या नेताजी। भोजन की निजता पर आपका पूरा अधिकार है, पर शब्दावली पर आपत्ति है।
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