छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक दशगात्र कार्यक्रम के दौरान 50 से भी अधिक ग्रामीणों की तबीयत अचानक खराब हो गई। उन्हें भोजन के पश्चात उल्टी-दस्त होने लगा। जब तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ने लगी तो ईलाज के लिए 15 ग्रामीणों को पिकअप के माध्यम से रतनपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। वहां भी 10 लोगों की हालत गंभीर देखकर उन्हें सिम्स रेफर कर दिया गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने 108 एंबुलेंस के लिए कॉल किया, मगर उपलब्ध नहीं होने की वजह से उन्हें यह सुविधा नहीं मिल पाई।
जानकारी के मुताबिक, मामला कोटा क्षेत्र के बेलगहना चौकी क्षेत्र के ग्राम आमामुड़ा का है जहां रविवार को दशगात्र कार्यक्रम था। स्थानीय लोगों के साथ ही छतौना, बरगवां, टिकरा, केंदा समेत आसपास के गांव के परिजन व रिश्तेदार बड़ी संख्या में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। ऐसा कहा जा रहा है कि ग्रामीणों ने दोपहर में भोजन ग्रहण किया। लेकिन इसके बाद अचानक ही रात में उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। ग्रामीणों को उल्टी व दस्त होने लगा।
दवाई से नहीं हुआ फायदा, स्वास्थ्य केंद्र को दी जानकारी
ग्रामीणों ने पहले इसे सामान्य तौर पर लिया और स्थानीय स्तर पर दवाइयां खा ली। मगर बावजूद इसके तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ। तो उन्होंने इसके बाद इसकी जानकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को दी। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम आमामुडा पहुंची। उन्होंने ग्रामीणों का पहले प्राथमिक उपचार किया। उन्होंने ज्यादा बीमार ग्रामीणों की हालत देखकर उन्हें अस्पताल ले जाने की सलाह दी। अस्पताल स्टाफ ने फूड प्वाइजनिंग के चलते तबीयत बिगड़ने की आशंका जताई है।
15 लोगों की बिगड़ी तबीयत
जानकारी के मुताबिक, आमामुड़ा निवासी जगपाल, सगम बाई, रूप सिंह, ध्यान सिंह, धरमांध सिंह, राजकुमार, जगमोहन, ध्यान सिंह, चंद्रमति, चंद्रिका, जानकुंवर, समेत 15 लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं 10 मरीजों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें सिम्स रेफर किया गया है।
Back to top button