Airports Authority of India (AAI) ने अगले साल की शुरुआत तक 13 एयरपोर्ट के प्राइवेटाइजेशन को हरी झंडी दे दी है। एएआई ने सात छोटे हवाई अड्डों को छह बड़े हवाई अड्डों के साथ मिलाने का फैसला किया है। इन सभी 13 हवाई अड्डों की पीपीपी (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) पर बोली लगाई जानी है।
AAI के अध्यक्ष संजीव कुमार ने कहा, “हमने विमानन मंत्रालय को 13 हवाई अड्डों की सूची भेजी है, जिनकी पीपीपी (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) मॉडल पर बोली लगाई जानी है। योजना इस वित्तीय वर्ष के अंत तक इन हवाई अड्डों की बोली को पूरा करने की है।
Airports Authority of India (AAI) ने 6 प्रमुख हवाई अड्डों- भुवनेश्वर, वाराणसी, अमृतसर, त्रिची, इंदौर, रायपुर और सात छोटे हवाई अड्डों- झारसुगुड़ा, गया, कुशीनगर, कांगड़ा, तिरुपति, जबलपुर और जलगांव के प्राइवेटाइजेशन को मंजूरी दे दी है। इन छोटे हवाई अड्डों को प्रमुख हवाई अड्डों के साथ जोड़ा जाएगा ताकि बड़े इंवेस्टर को लुभाया जा सके।
AAI ने सात छोटे हवाई अड्डों को छह बड़े हवाई अड्डों के साथ मिलाने का फैसला किया है – कुशीनगर और गया के साथ वाराणसी; कांगड़ा के साथ अमृतसर; तिरुपति के साथ भुवनेश्वर; औरंगाबाद के साथ रायपुर; जबलपुर के साथ इंदौर; और हुबली के साथ त्रिची से जोड़ा जाएगा।
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