रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब हुक्का बार पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है। बुधवार को इसके लिए विधानसभा द्वारा संशोधन विधेयक पास कर दिया गया है। अब प्रदेश में हुक्का बार चलाने पर इसे अपराध माना जाएगा।
अगर हुक्का बार संचालक पकड़ा जाता है तो उसे तीन साल तक की सजा और 50 हजार तक जुर्माना देना होगा। वहीं, हुक्का पीते हुए पकड़े जाने पर पांच हजार तक जुर्माना देना पड़ेगा। बुधवार को इस विषय में विधानसभा में ध्वनि मत से कानून पारित हुआ।
हुक्का बार पर प्रतिबंध लगाने के लिए विधि मंत्री मोहम्मद अकबर ने विधेयक पेश किया। इसके तहत हुक्का बार के साथ-साथ रेस्टोरेंट या कैफे में हुक्का बार चलाना अपराध माना जाएगा। इस पर सब इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस या आबकारी अधिकारी को इसपर कार्रवाई करने का अधिकार होगा।
इसके साथ, उन्हें सामान जब्त करने भी का अधिकार होगा। विधानसभा से पारित इस विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। जब वहां से अनुमति मिल जाएगी तो यह कानून के तौर पर जाना जाएगा।
इस पर चर्चा करने के बाद ध्वनि मत से कानून पारित हो गया। इसी प्रकार वाणिज्यकर मंत्री टीएस सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ माल व सेवा कर संशोधन विधेयक पेश किया। उन्होंने कहा कि जीएसटी कानून पारित होने के पश्चात भी कई तरह की कमियां थीं। इसलिए इसे बार-बार जीएसटी कौंसिल के सामने प्रस्तुत किया गया। इस पर सहमति के बाद संशोधन विधेयक लाया गया है। यह संशोधन भी ध्वनि मत से पारित किया गया।
उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक के तहत कुलपति की उम्र सीमा 70 करने और आदिम जाति कल्याण मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने ओबीसी आयोग में उपाध्यक्ष का पद स्वीकृत करने के विषय में संशोधन विधेयक पेश किया। यह भी ध्वनि मत से पारित हो गया।
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