छत्तीसगढ़

खैरागढ़ राजपरिवार विवाद: प्रशासन के सामने खुला उदयपुर पैलेस का ताला, उग्र समर्थकों ने की तोड़फोड़, पत्थरबाजी में पुलिस के जवान घायल…

खैरागढ़। दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह के उदयपुर स्थित पैलेस का ताला गुरूवार की देर शाम भारी हो-हंगामे और विरोध प्रदर्शन के बीच खोला तो गया लेकिन रात 9 बजते तक उदयपुर पैलेस के सामने भीड़ उग्र हो गई और पत्थरबाजी करने लगी.
पुलिस की समझाईश व जवाबी कार्यवाही के बीच भीड़ ने वाहनों में तोडफ़ोड़ शुरू कर दी और पत्थरबाजी में पुलिस के जवान भी घायल हो गये. जवाबी कार्यवाही में पुलिस ने उग्र भीड़ से निपटने लाठीचार्ज किया वहीं दूसरी ओर से भीड़ ने पुलिस पर भी हमला बोला है. समाचार लिखे जाने तक वास्तविक नुकसान व घायलों की बेहतर जानकारी नहीं मिल पायी है लेकिन पुलिस ने उदयपुर में मोर्चा संभाल लिया है और अतिरिक्त पुलिस बल भी मंगाया गया है.
देवव्रत के पुत्र आर्यव्रत सिंह ने पैलेस के भीतर प्रवेश करने वाले मुख्य कीवाड़ में लगे ताले को खोला लेकिन विभा सिंह के विरोध के कारण देर रात तक देवव्रत सिंह के शयन कक्ष का द्वार नहीं खुल पाया है जिसमें आज से ठीक 56 दिन पूर्व देवव्रत सिंह की अकाल मृत्यु से पहले उनके बच् चों ने ताला लगाया था.

 

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जानकारी अनुसार देवव्रत सिंह के शयन कक्ष व अन्य कमरों की चाबियां बाटी गई है जिसमें एक चाबी देवव्रत सिंह के पुत्र आर्यव्रत सिंह व एक चाबी उनकी पत्नी विभा सिंह को दी गई है वहीं दोनों धड़ों के बीच का विवाद बहरहाल नहीं सुलझ पाया है और स्थितियां उदयपुर में असामान्य व विपरीत है.
उदयपुर में चल रहे विवाद की मुख्य वजह देवव्रत सिंह की द्वितीय पत्नी विभा सिंह का विरोध है जिसे लेकर विभा सिंह का कहना है कि बिना विरोध और शांति से भी उदयपुर पैलेस को खोला जा सकता था लेकिन पद्मा देवी अपने राजनीतिक लाभ के लिये भीड़ जुटाकर व गुंडे इकट्ठे कर माहौल बना रही है वहीं देवव्रत सिंह की पूर्व पत्नी व उनके बच् चों सहित परिजनों का आरोप है कि विभा सिंह द्वारा अपने निहित लाभ के लिये परेशान किया जा रहा है.
पूरे घटनाक्रम के दौरान लगभग दो हजार की संख्या में देवव्रत सिंह के समर्थक व देवव्रत सिंह की पूर्व पत्नी पद्मा देवी, उनकी द्वितीय पत्नी विभा सिंह, उनकी पुत्री शताक्षी सिंह, पुत्र आर्यव्रत सिंह, बहन उज् जवला सिंह, छोटी बहन आकांक्षा सोनी सहित राजपरिवार के वरिष्ठ सदस्य व स्व.श्री सिंह के सलाहकार भी मौजूद थे।
पिछले सप्ताहभर से चल रहे देवव्रत सिंह के परिवार के बीच का विवाद गुरूवार को उदयपुर में और अधिक बढ़ गया, उदयपुर स्थित उनके निज निवास को खोले जाने की खबर के बाद से यहां सुबह से ही समर्थकों की भीड़ जुटने लगी और दोपहर तकरीबन तीन बजे विभा सिंह के आते ही समर्थक हो-हंगामा करते हुये उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे जिससे विभा सिंह नाराज हो गई और पैलेस का दरवाजा खोलने को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन करने लगी.
शाम तकरीबन 5 बजे पैलेस के मुख्य कीवाड़ में लगे ताले को आर्यव्रत ने खोला और विभा सिंह के विरोध के बाद पद्मा देवी को छोडक़र परिवार के लगभग सदस्यों ने भीतर प्रवेश किया लेकिन इस बीच समर्थक विभा सिंह के खिलाफ और अधिक उग्र होते गये और विभा सिंह हत्यारन है के नारे लगने लगे जिसके बाद नाटकीय घटनाक्रम में विभा ने फिर से अंदर कमरों को खोलने से मना कर दिया जिसके बाद भीड़ बेसब्र हो गई और पैलेस के बाहर खड़ी गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ शुरू हो गई, भीड़ ने जमकर पत्थरबाजी भी की.
पत्थरबाजी में आम नागरिकों सहित पुलिस के कुछ जवान भी घायल हुये हैं. पत्थरबाजी में घायल प्रधान आरक्षक जितेन्द्र कश्यप ने बताया कि वह भीड़ को समझाईश देने में जुटा था तभी पत्थर से उस पर हमला किया गया और वह घायल हो गया. उदयपुर में हालात बिगडऩे के बाद छुईखदान एसडीएम सुनील शर्मा ने वहां पहुंचकर दोनों पक्षों को समझाईश दी है और कहा है कि न्यायालय से इस समस्या का समाधान किया जाये.
गौरतलब है कि देवव्रत सिंह के परिजनों के बीच आपसी विवाद के कारण क्षेत्र में लगातार कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है और आज उदयपुर में हालात बेकाबू हो गये हैं.

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