कहते हैं ना अगर हौसला बुलंद हो तो दुनिया की कोई ऐसी ताकत नहीं जो आपकी कामयाबी के बीच रोड़ा बन सके। बस मजबूत इच्छा शक्ति और कुछ करने का जुनून होना चाहिए। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले से ऐसी ही एक ऐसी लड़की की कहानी सामने आई है।
रायगढ़ के तिलगी गांव की लड़की जिसके दोनों हाथ नहीं हैं, फिर भी उसने हार नहीं मानी और मुश्किल से बाहर निकलने का रास्ता बनाया। वह अपने पैरों से लिखकर मंजिल तक पहुंच रही है। उस लड़की का नाम है बहारतीन चौहान।
बहारतीन ने जीवन में आगे बढ़ने के लिए साहस और धैर्य का प्रतीक बन गई। बहारतीन ने जिंदगी में आगे बढ़ने और विकलांगता से उत्पन्न चुनौतियों को दूर करने के लिए समाधान खोजा। उसने अपने दोनों हाथों को खोने के बाद अपने पैर की उंगलियों से लिखना सीखा।
बहारतीन रविवार को पर्यवेक्षक की परीक्षा देने आई थी। पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी ने बहारतीन की फोटो शेयर करते हुए उनके बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनायें भी दी।