छत्तीसगढ़ में गोबर से बिजली बनाए जानें की परियोजना के लिए राज्य के गौठानों से पांच युवा उद्यमियों ने एमओयू किया है। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे की अध्यक्षता में सोमवार को गौठानों में गोबर से विद्युत उत्पादन प्रोजेक्ट लगाने के लिए 5 युवा उद्यमियों ने एमओयू (MOU) किए हैं। उद्यमियों द्वारा गौठानों में इसके लिए 10-10 करोड़ रूपए का निवेश प्रस्तावित है।
विद्युत उत्पादन के लिए गीठानों में क्रय किए जाने वाले गोबर का उपयोग प्राथमिकता से किया जाएगा। इसके बाद निजी क्षेत्र की डेयरी फार्म के गोबर व शहर में एकत्र होने वाले वेस्टेजका भी उपयोग विद्युत उत्पादन के लिए किया जा सकेगा।
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे की अध्यक्षता में मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित गोधन न्याय मिशन की पहली बैठक में यह जानकारी दी गई। कृषि मंत्री ने गोधन न्याय मिशन के उद्देश्यों की पूर्ति के साथ-साथ गौठानों में आयमूलक गतिविधियों को तेजी से विस्तार देने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठानों में आयमूलक गतिविधियों के विस्तार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा है. गौठानों को ग्रामीणों के आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने अधिकारियों को गौठानों में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट सहित अन्य उत्पादों के मार्केटिंग व विक्रय की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने कहा। साथ ही किसान गौठानों से सीधे वर्मी कम्पोस्ट व सुपर कम्पोस्ट खाद का उठाव कर सके, इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक नियम-निर्देश बनाने की भी बात कही।
मॉनिटरिंग के लिए जी- मैप – एप
बैठक में जानकारी दी गई कि गौठानों की गतिविधियों की मॉनिटरिंग के लिए जी- मैप एप तैयार किया गया है। 4043 गौठानों मल्टीएक्टिविटी संचालित है। इसके अंतर्गत कृषि व संबद्ध क्षेत्र सहित प्रसंस्कृत उत्पाद, यूटीलिटी प्रोडक्ट्स, हस्तशिल्प, विशिष्ट तथा अन्य उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। ग्रामीण औद्योगिक पार्क की स्थापना के निर्देश सभी जिलों को दिए गए हैं। बैठक में वन मंत्री मोहम्मद अकबर मौजूद थे।
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