दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग में ड्राइविंग सिखाने वाले संचालकों के खिलाफ शिकायतें मिल रही हैं कि यह लोग आरटीओ के नियमों(Violation of RTO rules) को अनदेखा करके अपनी दुकानें चलाने में लगे हैं। दरअसल दुर्ग में बहुत से ड्राइविंग सिखाने वालों ने परिवहन विभाग से लाइसेंस लिया है। लेकिन जिन नियमों का पालन करना चाहिए उसकी अनदेखी की जा रही है।
बताया जा रहा है कि किसी ड्राइविंग स्कूल के पास टैक्सी परमिट कार नहीं है। जो कि ड्राइविंग सिखाने में इस्तेमाल होती है। किसी भी वाहन में पीली नंबर प्लेट मतलब की टैक्सी कोटे का नंबर नहीं है। सभी वाहन प्राइवेट नंबर के आधार पर ही चल रहे हैं। जबकि परिवहन विभाग के नियम के मुताबिक यदि कोई भी व्यक्ति या फर्म किसी वाहन का उपयोग व्यवसायिक रूप में करता है तो उसे टैक्सी परमिट लेना अनिवार्य है।
परिवहन विभाग के मुताबिक, किसी भी गाड़ी का टैक्सी परमिट लेने के लिए वाहन की कुल कीमत की 9 प्रतिशत राशि जमा करनी होती है। इसके बाद उस वाहन को लाइफ टाइम टैक्सी परमिट जारी कर दिया जाता है। वहीं, यदि गाड़ी पुरानी है तो पुरानी गाड़ी की कीमत की 9 प्रतिशत राशि जमा करना होगा।
ड्राइविंग स्कूल संचालकों की लापरवाही
इन ड्राइविंग स्कूल के संचालक इतने लापरवाह है कि यह ड्राइविंग सिखाने के लिए इस्तेमाल की गई गाड़ियों की मेंटेनेंस और फिटनेस का भी ख्याल नहीं रख रहे हैं। जबकि किसी भी गाड़ी का हर साल फिटनेस कराना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है ऐसा ना करने से प्रदूषण की समस्या में बढ़ोतरी तो होती ही है साथ ही लोगों की जान को भी खतरा होता है।
अब इस घटना की शिकायत मिलने के बाद से प्राइवेट नंबर वाली ड्राइविंग स्कूल की गाड़ियों को जब्त किया जा रहा है इसी बुधवार को नेशन ड्राइविंग स्कूल सिविक सेंटर भिलाई की दो कारों को जब्त किया गया है। बताया जा रहा है की दोनों कारों का टैक्सी परमिट नहीं है। साथ ही ये कारें भी 10 साल से अधिक पुरानी हैं। अब इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।